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पैरोडी ट्वीट पर पुलिस आयुक्त बस्सी की हुई किरकिरी

एक पैरोडी ट्वीट से चिढ़े दिल्ली के पुलिस प्रमुख बी एस बस्सी ने प्रतिक्रिया में केजरीवाल और पत्रकार रवीश कुमार को खुद का गुणगान करने वाला कह दिया जबकि उन्होंने इस तथ्य पर गौर ही नहीं किया कि आॅनलाइन गाली-गलौज की प्रवृति के कारण रवीश कुमार ने काफी पहले ही ट्विटर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। बस्सी की प्रतिक्रिया को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी जमकर किरकिरी हुई।
पैरोडी ट्वीट पर पुलिस आयुक्त बस्सी की हुई किरकिरी

जेएनयू विवाद में पुलिस कार्रवाई के तरीके को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रहे दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने शनिवार को लोगों को अपनी किरकिरी का एक और मौका दे दिया। दरअसल बस्सी एक ट्वीट पर जवाब दे रहे थे, जिसमें खाकी को लेकर उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए हैरानी जताई गई थी कि उनकी निष्ठा वर्दी के प्रति है या निक्कर के प्रति। निक्कर के जरिए परोक्ष रूप से आरएसएस का हवाला दिया गया था ।हिंदी में लिखे गए जिस ट्वीट को केजरीवाल ने रीट्वीट किया उसमें लिखा था, बस्सी जब कहते हैं कि उनकी कमिटमेंट खाकी के प्रति है तो समझ नहीं आता वो वर्दी की बात कर रहे हैं या निक्कर की। पुलिस आयुक्त ने प्रतिक्रिया में कहा, 'संविधान, राष्ट्र और सत्य को लेकर प्रतिबद्ध एटदरेटआॅफ अरविंद केजरीवाल और एटदरेटआॅफ रवीशएनडीटीवी। स्वयंभू समालोचकों के लिए आत्मावलोकन बेहतर होगा'। बस्सी के ट्वीट को लेकर उनका मजाक उड़ाते हुए कुछ ट्वीट में कहा गया कि बस्सी केवल फर्जी अकाउंट फर्जी ट्वीट, हाफिज सईद के फर्जी ट्वीट, जेएनयू के फर्जी वीडियो पर जवाब देते हैं और अब रवीश एनडीटीवी के फर्जी ट्वीट पर कदम उठाते हैं, बस्सी जी बस करो।

 

संपर्क किए जाने पर रवीश ने कहा कि वह क्षुब्ध नहीं हैं लेकिन हैरान हैं कि पैरोडी ट्वीट करने वाले व्यक्ति से शीर्ष पुलिस अधिकारी चकमा खा गए। रवीश ने कहा, बस्सी साहब को सावधान रहना चाहिए। लेकिन कोई बात नहीं, मुझे इसपर हंसी आई। उन्होंने कहा कि हम पत्रकार लेफ्ट राइट और सेंटर का हमला झेलते हैं। जब मैं ट्विटर पर सक्रिय था तो लगातार लोगों को इस प्रवृति के बारे में आगाह कर रहा था। बता दें कि रवीश कुमार के वेरिफाइड अकाउंट से अंतिम बार 22 अगस्त को ट्वीट हुआ था। आॅनलाइन बदतमीजी के खिलाफ उदारवादियों की चुप्पी पर उन्होंने ट्वीट करना बंद कर दिया था।

 

सोशल मीडिया देखने वाली दिल्ली पुलिस की टीम में सूत्रों ने स्वीकार किया कि टीम को बाद में अहसास हुआ कि पैरोडी अकाउंट से ट्वीट किया गया था हालांकि उन्होंने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। गौरतलब है कि पिछले रविवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह कह कर विवाद छेड़ दिया था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी दिए जाने के खिलाफ जेएनयू में हुए प्रदर्शन को लश्करे तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का समर्थन था।हालांकि बाद में गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि सिंह का बयान विभिन्न एजेंसियों की सूचनाओं पर आधारित था लेकिन खबरों के मुताबिक यह सईद के फर्जी ट्विटर अकाउंट से हुए ट्वीट की पृष्ठभूमि में था। 29 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे दिल्ली पुलिस के आयुक्त जेएनयू विवाद को लेकर सही तरीके से निपट नहीं पाने के कारण आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। 

 

 

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