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भाजपा को टक्कर देने के चक्कर में लालू भी फोटोशॉप के फेर में, सोशल मीडिया पर खुली पोल

नेताओं पर रैली में उमड़ी भीड़ को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए फोटोशॉप का सहारा लेने के आरोप लगते रहे हैं। अब इस फेहरिस्त में नया नाम आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का भी जुड़ गया है।
भाजपा को टक्कर देने के चक्कर में लालू भी फोटोशॉप के फेर में, सोशल मीडिया पर खुली पोल

हाल के वर्षों में राजनैतिक और सरकारी प्रचार में फोटोशॉप का इस्तेमाल खूब हुआ। यहां तक कि बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करते पीएम मोदी की फेक फोटो पर भी काफी विवाद हुआ था। कई सरकारी महकमे भी फोटोशॉप के चक्कर में अपनी फजीहत करवा चुके हैं। 

अब लालू प्रसाद यादव का नाम भी फोटोशॉप का सहारा लेने वाले नेताओं की फेहरिस्त में जुड़ गया है। रविवार को पटना रैली की कामयाबी दिखाने के लिए उनके नाम से बने अधिकृत ट्विटर एकाउंट से जो फोटो शेयर की गई वह पहली नज़र में ही फोटोशॉप का कमाल लगती है। हालांकि रैली में खूब भीड़ जुटी लेकिन इतनी भी नहीं जैसी उक्त फोटो में दिखाई पड़ रही है। इसके सोशल मीडिया पर शेयर होते ही सवाल उठने लगे। कई लोगों ने भीड़ से खचाखच भरे गांधी मैदान के विहंगम दृश्य का खूब मज़ाक उड़ाया।

फर्जी तस्वीर से विरोधियों को ललकार

राजद सुप्रीमो लालू यादव ने ट्वीट कर अपनी रैली में पहुंची भीड़ की तस्वीर दिखाई थी। इसके जरिए वे अपनी सियासी ताकत प्रदर्शित कर रहे थे। उन्होंने विरोधियों को चुनौती देने के अंदाज़ में लिखा कि आओ और गिन सकते हो तो गिन लो। लेकिन समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से जारी तस्वीरों ने लालू की फोटो का फर्जीवाडा उजागर कर दिया।

लोगों ने ली चुटकी, बताया लालू का भीड़ घोटाला

लालू का फोटो शेयर होने के बाद बहुत से लोग महारैली की तारीफ करते दिखे। लेकिन कई लोगों ने तुरंत फोटोशॉप के इस्तेमाल का संदेह जताया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लालू की खूब खिंचाई हुई। कई लोगों ने फोटो को उनका भीड़ घोटाला करार दिया। 

एथिस्ट कृष्णा नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि “लालू जी जल्दी से अपना फोटोशॉप पिक वाला ट्वीट डिलीट कर दो और ये वाला यूज करो।” इसके अलावा भी काफी लोगों ने इस फोटो के बहाने लालू पर तंज कसे।

विकास कुमार झा ने लिखा, "लालू यादव ने पटना रैली में भी घोटाला कर दिया, जैसे मोदी जी फोटोशॉप से चुनाव के दौरान करते है।"


 क्या है हकीकत?

लालू की फोटो की हकीकत जानने से पहले महारैली की कुछ तस्वीरों और वीडियो पर नजर डालते हैं।

इन तस्वीरों और वीडियो से जाहिर है कि लालू की रैली में भारी तादाद में भीड़ जुटी। लेकिन उनके ट्वीटर अकाउंट से शेयर की गई तस्वीर गले नहीं उतरती। इस तस्वीर में जिस तरह मैदान को भीड़ से खचाखच भरा दिखाया गया, वह बनावटी लग रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा उसी एंगल से ली गईं तस्वीरों ने पूरी पोल खोल दी। दोनों फोटो को देखने से फोटोशॉप के इस्तेमाल का संदेह पुख्ता हो जाता है। एएनआई की फोटो में लालू की फोटो के मुकाबले कम भीड़ है। पीछे की तरफ मैदान का कुछ हिस्सा खाली नजर आ रहा है।

शायद लालू के मीडिया प्रबंधक फोटोशॉप के इस्तेमाल में अभी कच्चे हैं। वे फोटोशॉप के उस हथकंडे का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो पुराना पड़ गया है और जिसे पकड़ना पब्लिक सीख गई है। लालू की रैली के फोटो का फर्जीवाड़ा उजागर करने वाली एएनआई पर टिप्पणी करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सभी पार्टियों को लेकर समाचार एजेंसी को ऐसा ही रवैया अख्तियार करना चाहिए।

गौरतलब है कि अतीत में पीटीआई और एएनआई जैसी समाचार एजेंसिया और कई मंत्रालय व मंत्री भी जाने-अनजाने में फोटोशॉप वाली तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए कर चुके हैं। 

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