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राहुल गांधी नहीं, उनका ऑफिस ट्विटर पर आया

सोशल मीडिया से राहुल गांधी की हिचक बनी हुई है। उन्‍होंने ट्विटर अकाउंट भी खोला तो अपने ऑफिस के नाम से। वह खुद जनता से संवाद करने के बजाय अपने ऑफिस से संदेश भिजवा रहे हैं। उम्‍मीदें लगाई जा रही हैं कि जल्‍द ही राहुल गांधी खुद भी सोशल मीडिया पर आएंगे।
राहुल गांधी नहीं, उनका ऑफिस ट्विटर पर आया

नई दिल्‍ली। लंबी छुट्टी के बाद राजनीति में लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी ताल ठोंक दी है। लेकिन उन्‍होंने खुद ट्विटर पर आने के बजाय अपने ऑफिस के जरिए यहां दस्‍तक दी है। बुधवार को @OfficeOfRG हैंडल के साथ राहुल गांधी के दफ्तर का ट्विटर खाता खुला और रात 11.39 बजे इससे पहला ट्वीट हुआ है। इस ट्वीट में कहा गया है कि 12 मई को राहुल गांधी तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में 5 गांवों की पदयात्रा करेंगे। 

 

राहुल गांधी के ट्विटर पर आने की खबर मिलते ही उन्‍हें फोलो करने वालों का तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। अभी तक 32 हजार से ज्‍यादा लोग इस अकाउंट को फोलो कर चुके हैं जबकि राहुल गांधी ने सिर्फ कांग्रेस, यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई को ही फोलो किया है। बगैर कोई ट्वीट किए ही राहुल गांधी को 10 हजार अनुयायी मिल चुके थे। राहुल गांधी को फोलो करने वालों में मिलिंद देवडा जैसे कांग्रेसी नेताओं से लेकर देश की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हैं। हालांकि, ट्विटर पर लोकप्रियता के मामले में नरेंद्र मोदी के मुकाबले अभी राहुल गांधी को लंबा सफर तय करना है। नरेंद्र मोदी के ट्विटर पर 1.21 करोड़ से ज्‍यादा फोलोअर हैं।

 

सोशल मीडिया पर सीधे आने में हिचके राहुल 

खुद जनता से सीधा संवाद करने के बजाय जिस तरह राहुल गांधी अपने ऑफिस को ट्विटर लाए हैं, उससे सोशल मीडिया को लेकर उनकी हिचक साफ दिखाई पड़ती है। देश के ज्‍यादातर नेता अपने नाम से ट्विटर पर मौजूद हैं, भले ही उनके अकाउंट भी स्‍टाफ के लोग ही चलाएं। शायद राहुल गांधी खुद संवाद के जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं हैं। अभी तक ऑफिस ऑफ आरजी अकाउंट से सिर्फ तीन ट्वीट हुए हैं। इन तीनों ट्वीट में राहुल गांधी के तेलंगाना दौरे और संसद में मेगा फूड पार्क का मुद्दा उठाने जैसी जानकारियां दी गई हैं। इससे जाहिर है कि इस अकाउंट को राहुल गांधी के बजाय उनके ऑफिस के लोग ही चला रहे हैं। उधर, कांग्रेस समर्थक शहजाद पूनावाला ने इस बात पर जोर दिया है कि राहुल गांधी को खुद अपना ट्विटर अकाउंट जल्‍द से जल्‍द शुरू करना चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह इसे दूसरों से चलवाने के बजाय खुद अपना अकाउंट संभालना चाहिए। इसलिए माना जा रहा है कि जल्‍द ही राहुल गांधी अपने नाम से खुद सोशल मीडिया के मैदान में उतर सकते हैं।  

 

उल्‍लेखनीय है कि चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह पराजय के पीछे सोशल मीडिया से कांग्रेस की दूरी को भी एक बड़ी वजह माना जाता है। यूपीए सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर बने माहौल का कांग्रेस कोई मुकाबला नहीं कर पाई थी। हालांकि, पिछले एक साल के दौरान कांग्रेस को अपनी इस भूल का अहसास हुआ और अब सोशल मीडिया पर कांग्रेसी नेता खूब सक्रिय हैं। 

 

 

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