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टीआरपी स्कैम: अर्नब के बाद रिपब्लिक के CEO विकास खानचंदानी गिरफ्तार, कोर्ट ने 15 दिसंबर तक हिरासत में भेजा

मुंबई की एक अवकाशकालीन अदालत ने टीआरपी घाेटाला मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के मुख्य...
टीआरपी स्कैम: अर्नब के बाद रिपब्लिक के CEO विकास खानचंदानी गिरफ्तार, कोर्ट ने 15 दिसंबर तक हिरासत में भेजा

मुंबई की एक अवकाशकालीन अदालत ने टीआरपी घाेटाला मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विकास खानचंदानी को 15 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। उन्हें मुंबई पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था। इससे पहले रिपब्लिक के एडिटर-इन-चीफ अर्नबर गोस्वामी को एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था। वो अभी जमानत पर हैं। हालांकि, पुलिस द्वारा पिछले सप्ताह दाखिल किए गए चार्जशीट से अर्नब का नाम हटा लिया गया है। अप्रैल 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को सुसाइड के लिए उकसाने वाले साजिशकर्ताओं में अर्णव गोस्वमी समेत तीन आरोपी शामिल हैं लेकिन पुलिस ने अर्नब का नाम हटा लिया है।

इस सुसाइड मामले में महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस ने अर्णब गोस्वामी के खिलाफ 1914 पेज की चार्जशीट दाखिल किए हैं। सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले के बाद से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क लगातार विवादों में घिरा हुआ है। 

अन्वय नाइक मामले में हीं मुंबई पुलिस ने अर्नब को बीते महीने उनके घर से सुबह-सुबह गिरफ्तार कर लिया था। उन पर इस व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। वहीं, टीआरपी स्कैम को लेकर मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमवीर सिंह ने बड़ा खुलासा किया था। 

टीआरपी स्कैम मामले में रिपब्लिक के कई कर्मचारी भी मुंबई पुलिस के रडार पर हैं। इसको लेकर रिपब्लिक ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मांग की थी कि कर्मचारियों के खिलाफ सभी एफआईआर  को रद्द और जांच को सीबीआई को ट्रांसफर कर दी जाए। जिस पर सुनवाई ने कोर्ट ने इंकार कर दिया था। इसके अलावा कोर्ट से टीम के संपादकीय और अन्य कर्मचारियों को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तार न करने के आदेश की मांग की गई थी।

मुंबई के पुलिस के मुताबिक तीन चैनल इस हेराफेरी में शामिल हैं। जिसमे रिपब्लिक टीवी, फ़क्त मराठी, बॉक्स सिनेमा है। इन चैनलों को देखने के लिए और टीआरपी बढ़ाने के लिए दर्शकों को 400-500 रुपये का भुगतान किया। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) जो टीआरपी को मापता है ने डेटा मापने के लिए मुंबई में 2,000 से अधिक बैरोमीटर लगाए हैं। जिन स्थानों पर ये उपकरण स्थापित हैं वे गोपनीय हैं। 

 

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