तानसेन की साधनाभूमि ग्वालियर में इस समारोह का आयोजन हर साल की तरह उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत कला अकादमी और मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
भारत में आयोजित होने वाले सबसे पुराने संगीत महोत्सवों में शामिल पांच दिवसीय तानसेन समारोह का शुभारंभ 16 दिसंबर को सुबह परंपरानुसार ढोलीबुआ महाराज की संगीतपूर्ण हरिकथा प्रस्तुति और शरीफ मौलाना साहिब के मिलाद के साथ होगा।
मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग के इस प्रतिष्ठित सांस्कृतिक आयोजन में देश-विदेश के संगीतज्ञ और गायक कलाकार ग्वालियर स्थित तानसेन-समाधि और 40 किलोमीटर दूर उनकी साधनास्थली गांव बेहट की संगीत सभा में विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से संगीतांजलि अर्पित करेंगे। संगीत यात्रा के 92वें साल में पहुंचे समारोह ने अपनी सांगीतिक पंरपरा का निर्वाह करते हुए पिछले वर्ष शताब्दी दशक में प्रवेश कर नयी ऊंचाइयों को छुआ था। इस वर्ष मंच की पृष्ठभूमि के लिए ग्वालियर के विजयात सहस्रबाहु (सास-बहू) मंदिर को चुना गया है।
विभागीय सूचनानुसार, गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी समारोह में विश्व संगीत की प्रस्तुतियों के लिए नार्वे, इराक, इजरायल, बेल्जियम और स्विट्जरलैंड के कलाकार आमंत्रित हैं। औपचारिक उद्घाटन से पहले 15 दिसंबर को जनसाधारण के लिए पूर्वरंग कार्यक्रम भी रखा गया है।
भाषा