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जानें क्यों चर्चा में है देसी 'कू एप', पीयूष गोयल सहित कई नेताओं ने बनाए अकाउंट

भारत को आत्मनिर्भर बनाने की योजना में विदेशी सोशल मीडिया एप्स के विकल्प की तलाश लंबे समय से की जा रही...
जानें क्यों चर्चा में है देसी 'कू एप', पीयूष गोयल सहित कई नेताओं ने बनाए अकाउंट

भारत को आत्मनिर्भर बनाने की योजना में विदेशी सोशल मीडिया एप्स के विकल्प की तलाश लंबे समय से की जा रही थी। जिसके बाद अब भारत में माइक्रोब्लॉगिंग साइड के विकल्प के रूप में 'कू एप' लॉन्च किया गया है। इस एप को 10 महीने पहले लॉन्च किया गया था। कई राजनेताओं और सेलेब्स के शामिल होने से अब इस एप को ट्विटर के लिए भारतीय विकल्प माना जा रहा है।

यह एप इतना पॉपुलर हो रहा है कि पीयूष गोयल सहित कई केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय मंत्रालयों और केंद्र सरकार के अन्य विभागों ने इस देसी एप पर अपना अकाउंट बनाया है और लोगों से भी इस पर अकाउंट बनाने के लिए अपील की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात में इसकी काफी तारीफ की थी।

कू एप के फयादे
ट्विटर की तरह ही इस एप का भी इस्तेमाल अपने विचारों और राय व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यूजर इसमें एक दूसरे को फॉलो कर सकते हैं, इस कू एप के जरिए फोटो, वीडियो, ऑडियो और मेसेज भी भेज सकते हैं।

बता दें कि कू को देसी ट्वीटर कहा जा रहा है, जो लगातार प्रचलन में आ रहा है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह करीब दस भारतीय भाषाओं में है। अंग्रेजी, हिंदी के अलावा एप में तमिल, मराठी, बंगाली, तेलुगु, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया और असमी भी है।

जानिए कैसे डाउनलोड करें कू एप?
कू गूगल प्ले स्टोर और एपल्ल एप स्टोर पर डाउलोड के लिए उपलब्ध है। उपयोगकर्ता अपने आई फोन और एनड्रोइड फोन पर कू एप डाउनलोड कर सकते हैं। गूगल प्ले पर कू एप को अभीतक 4.7 स्टार और आईओएस एप स्टोर पर 4.1 स्टार मिले हैं।

ट्विटर से कू एप तक उठते भारतीय मंत्रालय के कदम

होमग्रोन फर्म ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी मंत्रालय और कुछ अन्य सरकारी विभागों ने ट्विटर के बाद देसी माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट कू की स्थापना की है। कंपनी ने दावा किया कि एमईआईटीवाई के अपने प्लेटफॉर्म में शामिल होने के बाद यह तेजी से डाउनलोड किया जा रहा है।

कू ने एक बयान में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के प्रमुख संगठनों ने भारत के अपने माइक्रोब्लॉगिंग कू एप में अकाउंट बनाए हैं। यह कदम रणनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। जिसने भारत सरकार के खिलाफ जा कर किसान आंदोलन में भड़काऊ बाते फैलाने वाले अकाउंटस को ब्लॉक करने से इनकार कर दिया था। ट्वीटर को कई बार भारत सरकार की ओर से नोटिस भी भेजे गए। इसी दौरान कू को लॉन्च किया गया। सरकार के कई बड़े मंत्री इस ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं।

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