अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। नासा के केपलर स्पेस टेलीस्कोप ने अपने जितना बड़ा ही एक और सोलर सिस्टम ढूंढ़ निकाला है।
नासा ने गुरुवार को अपने बयान में कहा है कि हमारे सोलर सिस्टम में एक तारे के चारों ओर घूमने वाले सबसे ज्यादा ग्रह हैं। हालांकि पृथ्वी को छोड़कर कोई भी मानव जीवन के अनुकूल नहीं है। 8 ग्रहों वाले इस नए सोलर सिस्टम में केप्लर-90 नाम के तारे के चारों ओर अन्य ग्रह घूम रहे हैं। ये सोलर सिस्टम 2,545 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है।
ऑस्टिन स्थित टेक्सास यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री एंड्रयू वंडरबर्ग ने कहा कि केप्लर-90 स्टार सिस्टम हमारे सोलर सिस्टम के मिनी वर्जन की तरह है। उन्होंने कहा कि 'हमारे पास छोटे ग्रह अंदर की ओर हैं और बड़े ग्रह बाहर की तरफ, लेकिन सब कुछ बहुत करीब है।'
नए खोजे गए सोलर सिस्टम में केप्लर-90i पृथ्वी की तरह एक पथरीला ग्रह है, लेकिन यह अपने आर्बिट में हर 14.4 दिन पर एक बार घूम जाता है। यानी केप्लर-90i पर एक पृथ्वी की तरह एक वर्ष का समय सिर्फ दो हफ्तों का होगा।
वंडरबर्ग ने कहा, 'केप्लर-90 उस तरह की जगह नहीं है, जहां मैं जाना चाहूंगा। उसका धरातल बहुत ही ज्यादा गर्म है।' नासा ने इस ग्रह के तापमान का आकलन किया है और यह करीब 800 डिग्री फारेनहाइट (426 डिग्री सेल्सियस) है, यह तापमान बुध ग्रह के बराबर है, जोकि सूर्य के बेहद करीब है।
बता दें कि केप्लर स्पेस टेलीस्कोप 2009 में लॉन्च किया गया था और इसने करीब 1,50,000 तारों को स्कैन किया है। एस्ट्रोनॉमर्स ने केप्लर डाटा के जरिए अब तक 2,500 ग्रहों की खोज की है। इस नई खोज में गूगल की ओर से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद ली गई, जो इंसानों के रहने योग्य ग्रहों की तलाश करने में काफी मदद करेगा।