सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली दुनिया की जानी-मानी कंपनी नोकिया मिलकर 5वीं पीढ़ी की (5जी) मोबाइल सेवा के लिए काम करेंगी। इसके लिए दोनो ने एक करार किया है जिसके तहत नोकिया कंपनी चेन्नई स्थित अपने प्लांट में पांचवीं पीढ़ी के फोन निर्माण करने के लिए परिवर्तन करेगी। इसी करार के तहत दोनों कंपनियां 4जी तकनीक पर भी काम करेंगी जिससे इसमें मौजूद अवसरों का लाभ उठाया जा सके।
बीएसएनएल के डायरेक्टर और एमडी अनुपम श्रीवास्तव का कहना है कि 5जी मोबाइल की दुनिया में नोकिया पहले से ही प्रमुख सहयोगी है और अब हम इसे आगे बढ़ाते हुए 4.0 इंडस्ट्री के विकास पर ध्यान देंगे जो 5जी के साथ मिलकर इसे और लाभकारी बना सकती है।
तमिलनाडू के चेन्नई स्थित अपने इस प्लांट में नोकिया न सिर्फ भारत के घरेलू बाजार के लिए बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए भी मोबाइल उपकरणों का निर्माण करती है।
चेन्नई की इस यूनिट में अब कंपनी 4.0 सॉल्यूशन जैसे ऑग्मेंटेड एंड वर्चुअल रियालिटी, कनेक्टेड रोबोटिक्स आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, बिग डेटा एनालिसिस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर काम करेगी जिससे इनसे संबंधित उत्पादों को बढ़ाया जा सके।
इसके अलावा बीएसएनएल पहले से ही नोकिया और चीनी कंपनी ZTE के साथ मिलकर 5जी के रोडमैप पर काम कर रही थी। इस साल की शुरुआत बीएसएनएल, नोकिया के साथ में भारत के दक्षिणी और पश्चिमी भागों में 4जी और वोल्ट (VoLTE) पर काम शुरु करत चुकी है।
क्या है 5जी?
5जी नेटवर्क की स्पीड 4जी वाले नेटवर्क की तुलना में बहुत अधिक होगी। इस तकनीक से डेटा स्पीड 100 गीगाबाइट्स प्रति सैकेण्ड तक पहुंच जाएगी। यानी सौ फिल्में एक साथ एक सैकेण्ड में डाउनलोड हो सकेगीं। 5जी तकनीक में न्यू रेडियो एक्सेस (एनएक्स), नई पीढ़ी का एलटीई एक्सेस तथा बेहतर कोर नेटवर्क होगा। इससे डाटा के तीव्र आदान-प्रदान के साथ ही इन फोनों पर इंटरनेट ऑफ थिंग्स या आई.ओ.टी. की सुविधा भी मिल सकेगी।
उम्मीद की जा रही है कि इस साल के आखिर से पहले 5जी का प्रयोग शुरू हो जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने 5जी सेवाओं के लिए जरूरी उपकरणों के लिए लार्सन एंड टुब्रो व एचपी से भी बातचीत शुरू की है।