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नासा ने दिखाया चेन्‍नई में कैसे हुई 100 साल की सर्वाधिक बारिश

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि गत एक और दो दिसंबर को चेन्नई में 24 घंटे में जितनी बारिश हुई थी, उतनी वर्ष 1901 के बाद किसी दिन नहीं हुई थी।
नासा ने दिखाया चेन्‍नई में कैसे हुई 100 साल की सर्वाधिक बारिश

अंतरिक्ष एजेंसी ने कल एक एनीमेटेड मैप जारी किया है जिसमें उपग्रह आधारित आकलन उपलब्ध कराए गए। इन नक्शों में एक और दो दिसंबर को दक्षिण भारत में हुई बारिश को दर्शाया है। इनके लिए आंकड़े 30 मिनट के अंतराल पर जुटाए गए। नासा की ओर से जारी किए गए इस एनीमेटेड नक्‍शे में चेन्‍नई और आसपास के इलाकों में 48 घंटे के दौरान हुई 400 मिमी यानी करीब 16 इंच बारिश को दिखाया है। 

नासा के मुताबिक, चेन्‍नई की बारिश के आंकड़े इंटीग्रेटेड मल्‍टी सेटेलाइट रिट्रावल फॉर जीपीएम से जुटाए गए हैं। नासा की जीपीएम टीम के वैज्ञानिक हैल पियर्स ने बताया कि दक्षिण पूर्वी तट के आसपास उच्चतम बारिश 500 मिलीमीटर से ज्यादा पहुंच गई। भारत और विदेशों के मौसम वैज्ञानिक इस बारिश के पीछे अत्‍यधिक सक्रिय उत्‍तर-पूर्वी मानसून को वजह मान रहे हैं। सर्दियों में देश में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर बहने वाली प्रबल हवाएं अधिकतर स्थानों पर शुष्क प्रभाव डालती हैं, खासतौर पर आंतरिक इलाकों में। ये उत्‍तर-पूर्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी के गर्म जल के ऊपर से होकर भी गुजरती हैं वहां वे समुद्र से भारी मात्रा में नमी को वाष्पित कर देती हैं और इसे दक्षिणी एवं पूर्वी भारत पर ले जाती हैं। तटवर्ती पूर्वी भारत में 50 से 60 फीसदी बारिश सर्दियों के दौरान आने वाले इस मानसून के दौरान ही होती है। तमिलनाडु में हाल की रिकॉर्ड बारिश के पीछे अत्‍यधिक गर्म समुद्र और अल-नीनो प्रभाव को प्रमुख वजह माना जा रहा है।   

नासा की अर्थ आॅब्जर्वेटरी ने एक ब्लाॅग पोस्ट में कहा कि तमिलनाडु में बाढ़ का प्रकोप लगातार एक महीने तक मानसून की बारिश के बाद आया। मानसून की यह बारिश भी तमिलनाडु में होने वाली सामान्य बारिश से काफी ज्यादा थी। गौरतलब है कि तमिलनाडु में भारी बारिश और बाढ़ के चलते कम से कम 250 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। हजारों लोग बाढ़ के कारण प्रभावित या विस्थापित हुए हैं। पिछले दो हफ्तों से चेन्‍नई में जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त है। 

Historic Rainfall Floods Southeast India

 

 

 

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