कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को भाजपा पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए बिहार के लोगों को उनके मताधिकार से वंचित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य के मतदाता लोकतंत्र और संविधान पर हमले के लिए भगवा पार्टी को सबक सिखाएंगे।
उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा जारी एक नए विज्ञापन का हवाला दिया, जिसमें बिहार के मतदाताओं से केवल एसआईआर के तहत एक फॉर्म भरने का आग्रह किया गया है, और आरोप लगाया कि "जब लोग उठते हैं, तो भाजपा पीछे हट जाती है"।
खड़गे ने एक्सिस बैंक पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘चुनाव आयोग के सहयोग से भाजपा ने बिहार के करोड़ों लोगों को उनके मताधिकार से वंचित करने का जो मास्टर प्लान बनाया था, वह अब भाजपा को ही फंसाता दिख रहा है।’’
उन्होंने कहा कि पहले दिन से ही कांग्रेस एसआईआर के खिलाफ आवाज उठा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जो लोग चुनाव दर चुनाव वोट देते आ रहे हैं, उनसे वोट देने के लिए दस्तावेज क्यों मांगे जा रहे हैं? गरीब, कमजोर, वंचित, दलित, उत्पीड़ित और पिछड़े लोगों को जबरन उनके मताधिकार से वंचित करना भाजपा-आरएसएस की साजिश है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि एसआईआर के कारण करीब आठ करोड़ लोग पीड़ित होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मतदाता सूची को सही करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है, जनता की नहीं।
उन्होंने दावा किया, ‘‘जब विपक्ष, जनता और नागरिक समाज की ओर से दबाव बढ़ा तो चुनाव आयोग ने आज जल्दबाजी में ये विज्ञापन प्रकाशित कर दिए, जिनमें कहा गया है कि अब केवल एक फॉर्म भरना होगा और दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं है।’’
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया, "यह जनता को गुमराह करने और भ्रमित करने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा है। सच्चाई यह है कि भाजपा ने तय कर लिया है कि वह किसी भी कीमत पर लोकतंत्र को कुचल देगी। लेकिन जब जनता का विरोध सामने आता है तो वह बड़ी चतुराई से एक कदम पीछे हट जाती है।"
बिहार को लोकतंत्र की जन्मस्थली बताते हुए खड़गे ने कहा कि राज्य के लोग आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित रूप से लोकतंत्र और संविधान पर भाजपा के हमले का जवाब देंगे।