प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर कचरा उठाकर एक शक्तिशाली उदाहरण पेश किया, जिससे प्लॉगिंग की अवधारणा और 'स्वच्छ भारत' के लक्ष्य को बढ़ावा मिला।
हजारों लोगों की उपस्थिति में हुए इस आयोजन ने सार्वजनिक स्थानों के रखरखाव में स्वच्छता और सामुदायिक भागीदारी के महत्व को उजागर किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अगवानी करते समय कर्तव्य पथ पर पड़े कचरे को देखा और उसे उठाया। प्रधानमंत्री मोदी ने समय-समय पर 'स्वच्छ भारत' सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छता कार्यों में शामिल होने पर जोर दिया है।
यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी स्वच्छ भारत के लिए प्लॉगिंग और समुदाय-नेतृत्व वाली पहल पर जोर दिया था। पिछले वर्ष नवंबर में उन्होंने 'मन की बात' में एक प्लॉगिंग समूह की सराहना की थी जो कानपुर में गंगा घाटों की सफाई के लिए काम कर रहा है।
पिछले वर्ष दिसंबर में रक्षा मंत्रालय ने स्वच्छता पखवाड़ा के तहत देशभर में 400 से अधिक स्थानों पर बड़े पैमाने पर प्लॉगिंग कार्यक्रम का आयोजन किया था।
इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसके बाद राष्ट्रगान हुआ और स्वदेशी हथियार प्रणाली 105 मिमी लाइट फील्ड गन का उपयोग करके 21 तोपों की सलामी दी गई।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो इस वर्ष के मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए। इस वर्ष गणतंत्र दिवस संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रकाश डालता है और "जनभागीदारी" पर जोर देता है।
पीएम मोदी ने इंडिया गेट पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट शुभम कुमार और लेफ्टिनेंट योगिता सैनी की सहायता से राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
राष्ट्रीय महत्व के आयोजनों में जनभागीदारी बढ़ाने के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप, परेड देखने के लिए लगभग 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। अलग-अलग क्षेत्रों से आए ये विशेष अतिथि 'स्वर्णिम भारत' के निर्माता थे। इनमें विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले और सरकार की योजनाओं का बेहतरीन उपयोग करने वाले लोग शामिल हैं।
इस वर्ष परेड में 16 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा केंद्र सरकार के 10 मंत्रालयों और विभागों की झांकियां शामिल हुईं, जिनमें 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' को दर्शाया गया।