उधमपुर जिले के बादली गांव की 87 साल की एक महिला पूरे देश के लिए रोल मॉडल बन गई है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत अपने गांव को ‘खुले में शौच मुक्त’ करने के लिए अकेले दम पर शौचालय बनाया है।
जिला प्रशासन ने गांव वालों के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए थे जिनमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव वालों को खुले में शौच करने के नुकसान के बारे में बताया गया था। कई चरणों में चले इन जागरूकता कैंप में जाने के बाद राखी ने तय किया कि घर में शौचालय होना चाहिए और उन्होंने खुद शौचालय बनाने का फैसला किया।
शौचालय के लिए राजमिस्त्री का काम भी उन्होंने खुद ही किया क्योंकि उनके पास मजदूर लगाने के लिए पैसे नहीं थे। एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दशकों तक वह खुले में शौच जाती रहीं क्योंकि उन्हें इसके नुकसान के बारे में पता ही नहीं था।
राखी ने कहा, ‘‘अब मैं चाहती हूं कि सभी लोग शौचालय का इस्तेमाल करें क्योंकि खुले में शौच करने का मतलब कई बीमारियों को न्योता देना है। मैं गरीब हूं और मेरे पास शौचालय बनाने के लिए पैसे भी नहीं थे इसलिए मैंने तय किया कि मैं बिना किसी की मदद के खुद सारा काम कर इसे बनाऊंगी। मेरे बेटे ने मुझे बाद में मिट्टी ला कर दी जब मैं ईंटों को जोड़ कर चिनाई कर ली थी। सात दिनों के अंदर मैंने शौचालय बना लिया।’’
उधमपुर के डिप्टी कमिश्नर ने राखी के काम की तारीफ की है। उन्होंने कहा, ‘‘अब वक्त आ गया है कि लोग नए साधन अपनाएं। मुझे जान कर आश्चर्य हुआ कि एक 87 की महिला ने खुद से बिना किसी मदद के शौचालय बना लिया। मैं उनके जज्बे को सलाम करता हूं। सभी को उनसे सीखने की जरूरत है।’’ डिप्टी कमीश्नर ने कहा है कि जो भी संभव मदद होगी उन्हें दी जाएगी।