एक ओर जहां म्यामांर के रखाइन प्रांत में सेना की कार्रवाई से प्रभावित होकर रोहिंग्या पूरी दुनिया में अपने लिए सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं। वहीं, तुर्की ने रोहिंग्या मुसलमानों की मदद करने का फैसला किया है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तुर्की के डिप्टी पीएम हकान काव्यूसोगलू ने कहा कि हमारा देश 53 रोहिंग्या मुसलमान छात्रों को यूनिवर्सिटी स्कॉलरशिप देगा। रोहिंग्या छात्र अब कम्यूनिकेशन, कानून, राजनीति और मानवाधिकार के बारे में तुर्किश यूनिवर्सिटी में पढ़ेंगे।
डिप्टी पीएम ने कहा कि वर्तमान में भी तुर्किश यूनिवर्सिटी में कई रोहिंग्या छात्र पढ़ रहे हैं। काव्यूसोगलू ने रोहिंग्याओं को खाना और स्वास्थ संबंधी सुविधाओं को देने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि वह शरणार्थी कैंपों में मोबाइल हेल्थ क्लीनिक खोलेंगे।
एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी रखाइन के छात्र तुर्कि यूनिवर्सिटी में संचार, वकालत, राजनीति और मानवाधिकार की पढ़ाई करते हैं, लेकिन वहां की वर्तमान स्थिति के कारण वे परेशानियों का सामना कर रहे हैं। हकान ने कहा, रोहिंग्या मुसलमानों को तुर्की सपोर्ट करता रहेगा।
बता दें कि रखाइन प्रांत में सेना की कार्रवाई से प्रभावित होकर 5 लाख रोहिंग्या बांग्लादेश की तरफ पलायन कर चुके हैं। मौजूदा समय में बांग्लादेश ने 5,07,000 रोहिंग्याई मुसलमानों को शरण दी हुई है। इस हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जानें गई थी और कई अन्य विस्थापित हो गए थे।
म्यांमार की सेना ने रखाइन प्रांत में पिछले साल हुए 3 बॉर्डर पोस्ट पर हुए हमले के बाद कड़ी कार्रवाई की थी। बॉर्डर पोस्ट पर हुए हमले में 9 पुलिस के जवानों की मौत हो गई थी। इसी घटना के बाद रोहिंग्या मुसलमान लगातार बांग्लादेश और भारत में शरण लेने के लिए भाग रहे हैं। म्यांमार रोहिंग्या को अपना नागरिक नहीं मानती है और उनके द्वारा उन्हें बंगाली बुलाया जाता है।
Turkey to provide university scholarships to 53 Rohingya Muslim students
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— ANI Digital (@ani_digital) October 3, 2017