दरअसल, नई मिसाल कायम करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश का बिजनौर जिला भी है, जहां के एक गांव मुबारकपुर काला के लोग शामिल हैं। टाइम्स ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, बिजनौर के एक मुस्लिम बहुल गांव में लोगों ने अपने पैसे इकट्ठा कर सार्वजनिक शौचालय बनवाए हैं। गांव वालों ने न सिर्फ शौचालय बनवाए बल्कि इस काम के लिए गांव वालों ने 17.5 लाख रुपये की सरकारी मदद लेने से भी इंकार कर दिया। गांव वालों की मेहनत और लगन के बाद अब इस गांव को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है।
यह गांव मुस्लिम बहुल है इसमें लगभग परिवार रहते हैं। 3,500 लोगों की जनसंख्या वाले इस गांव में सिर्फ 146 घरों में शौचालय थे। ज्यादातर लोग खुले में ही शौच के लिए जाते थे, लेकिन अब इस गांव की सूरत बदल चुकी है। गांव की प्रधान किश्वर जहां के नेतृत्व में लोगों ने गांव को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का बीड़ा उठाया। किश्वर ने शौचालय का प्रपोजल प्रशासन को भेज दिया और प्रशासन की ओर से 17.5 लाख रुपये प्रधान के बैंक अकाउंट में डाले गए। मगर इस मदद को लेने से गांव वालों ने इंकार कर दिया।
वहीं, गांव वालों ने यह काम रमजान के मुबारक मौके पर किया है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग नेक कामों के लिए दान करते हैं। गांव वालों का कहना है कि यह रमजान का महीना है और अच्छे कामों के लिए मदद नहीं ली जाती। वहीं, गांव के लोगों ने न सिर्फ पैसे से बल्कि मजदूरी करके भी शौचालय बनवाने में मदद की।