नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प का विपक्ष ने मुद्दा उठाकर प्रश्नकाल के दौरान हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में विपक्ष को घेरते हुए राजीव गांधी फाउंडेशन का मुद्दा उठाया कि सरकार ने उसकी लाइसेंस रद्द क्यों किया। उन्होंने बताया कि गांधी फाउंडेशन को कथित तौर पर चीनी दूतावास से पैसा मिला था। इसके चलते उन्होंने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफआरसीए) के तहत लाइसेंस रद्द किया गया।
पत्रकारों से बात करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) ने 2005-2007 के दौरान चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये स्वीकार किए। इसीलिए गृह मंत्रालय ने आरजीएफ पर प्रतिबंध लगाया था क्योंकि इसने मंत्रालय के नियमों का उल्लंघन किया था। वहीं कांग्रेस पर हमला करते हुए शाह ने कहा कि अगर कांग्रेस ने उन्हें संसद में अनुमति दी होती, तो वह पार्टी की अवैध गतिविधियों का खुलासा कर देते।
आगे शाह ने कहा, "राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा एफसीआरए उल्लंघन पर लोकसभा में सवाल उठाने से बचने के लिए विपक्ष ने भारत-चीन गतिरोध का मुद्दा उठाया।" वहीं कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने आरोपों को नकारते हुए कहा, "अगर यह हमारी गलती है तो हमें फांसी पर लटका दें।"
आज सुबह पत्रकारों से बात करते हुए, अमित शाह ने कहा "मैं प्रश्न सूची देखने के बाद कांग्रेस की चिंता को समझ गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "अगर वे अनुमति देते तो मैं संसद में जवाब देता कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-2007 के दौरान 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान मिला था। दूसरी तरफ़ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन जिसके प्रमुख जाकिर नाइक ने भी 7 जुलाई, 2011 को फाउंडेशन को 50 लाख रुपये दिए जो एफसीआरए नियमों के अनुसार उचित नहीं था। इसलिए गृह मंत्रालय ने इसका पंजीकरण रद्द कर दिया।"
वाही केंद्रीय गृह मंत्री ने संसद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे की निंदा करते हुए कहा, "आज लोकसभा में विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया। मैं इस कृत्य की निंदा करता हूं।"