राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक धारा 370 और अफस्पा जैसे मुद्दों पर कोई स्पष्ट राय नहीं दी है। इससे इस बात की शंका जाहिर है कि आखिर दोनों दल इस मुद्दे पर सहमत कैसे होगे। कांग्रेस प्रवक्ता सलमान सोज ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारे पर चलेगी और ये कार्यकाल भी पूरा कर पाएगी इसमें संदेह है। क्योंकि दोनों दलों ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम की बात तो की है लेकिन वह कार्यक्रम क्या है इस पर अभी संशय बना हुआ है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने साझा बयान देकर सरकार बनाने के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की और कहा कि जम्मू-कश्मीर के हित में यह फैसला लिया गया है। महबूबा ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि राज्य के लोगों और देश के हित में कोई फैसला लिया जा रहा है।
खबरों के मुताबिक पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बनेंगे जबकि भाजपा के निर्मल सिंह उपमुख्यमंत्री बनेंगे। भाजपा नेताओं का कहना है कि सरकार गठन को लेकर सभी बाधाएं दूर हो गई हैं। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि बाधाएं अभी बनी है, कोई नीति साफ नहीं दिखाई पड़ रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और पीडीपी ने अलग-अलग मुद्दों पर चुनाव लड़ा। पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी तो भाजपा 25 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। ऐसा पहली बार हुआ कि चुनाव के बाद गठबंधन होने में इतना समय लग गया। फिलहाल राज्य में राज्यपाल शासन लगा हुआ है। संविधान में जम्मू-कश्मीर के लिए अलग प्रावधान है।
कब तक चलेगी भाजपा-पीडीपी की सरकार
जम्मू-कश्मीर में अभी सरकार बनी नहीं लेकिन सवाल उठने लगे कि यह सरकार कब तक चलेगी। क्योंकि दोनों दलों ने समझौते के तहत असली मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया जिस पर भाजपा और पीडीपी को अलग-अलग रुख था।
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