19 राज्यों में 12,143 लोगों पर किए गए सर्वे के मुताबिक यदि तत्काल चुनाव होता है तो भाजपा नेतृत्व वाले राजग को 42 फीसदी वोट मिलेंगे, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को महज 25 प्रतिशत वोट ही मिल सकेंगे। हालांकि यूपीए की तुलना में अन्य दल मजबूती से उभरते दिख रहे हैं और इन्हें 33 फीसदी मत वोट मिल सकते हैं।
प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के कामकाज को 69 प्रतिशत लोगों ने अच्छा माना है। 19 फीसदी लोगों ने मोदी के काम को औसत करार दिया है, जबकि तीन प्रतिशत लोगों ने खराब और 6 फीसदी ने बेहद खराब करार दिया है। हालांकि राजग सरकार के काम को 71फीसदी लोगों ने सराहा है। 97 संसदीय और 194 विधानसभा क्षेत्रों में किए गए सर्वे के मुताबिक यदि अभी चुनाव होता है तो पीएम उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी सबसे बेहतर विकल्प होंगे।
पीएम उम्मीदवार के तौर पर 65 फीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी को चुना है। वहीं, राहुल गांधी को 10 फीसदी और सोनिया गांधी को चार प्रतिशत लोगों ने अपनी पसंद बताया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह को औ बसपा प्रमुख मायावती एक-एक फीसदी लोगों को पसंद हैं। मोदी कैबिनेट में वित्त मंत्री अरुण जेटली को दो फीसदी लोग पीएम पद का दावेदार मानते हैं, जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक प्रतिशत लोगों की पसंद हैं। केजरीवाल, प्रियंका गांधी और नीतीश कुमार को दो फीसदी लोगों ने चुना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को भी लोगों का बंपर समर्थन मिलता दिख रहा है। सर्वे में 45 प्रतिशत लोगों ने माना है कि इससे काला धन पर लगाम कसी जा सकेगी, जबकि 35 फीसदी ने इसे अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा करार दिया है। हालांकि सात प्रतिशत लोगों का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था कमजोर होगी, जबकि सात फीसदी लोग इस सिर्फ चुनावी चाल करार दे रहे हैं। इस फैसले से कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद 58 प्रतिशत लोगों ने जताई, जबकि 34 फीसदी मानते हैं कि इससे कोई खास असर नहीं होने वाला है
सर्वे में शामिल लोगों ने बतौर मंत्री अरुण जेटली के काम को सबसे ज्यादा सराहा है। 23 प्रतिशत लोगों ने उनके काम को बेहतर माना है, जबकि सुषमा स्वराज और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पक्ष में 21 फीसदी लोग हैं। मनोहर पर्रिकर के काम को 13 फीसदी लोग अच्छा मानते हैं, जबकि 12 प्रतिशत लोगों ने उमा भारती को बेहतर मंत्री माना है।
पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीसरे विकल्प का नेतृत्व करने को लेकर 11 प्रतिशत लोगों ने अरविंद केजरीवाल अपनी पसंद माना है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10 प्रतिशत लोग तीसरे मोर्चे का बेहतर भविष्य देखते हैं। मोदी के विकल्प के तौर पर 13 प्रतिशत लोग नीतीश कुमार को अपनी पसंद मानते हैं, जबकि 10 फीसदी लोग केजरीवाल को मोदी के विकल्प के तौर पर देखते हैं।