जनता दल यूनाइटडे (जेडीयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह अब मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री बन चुके हैं। जिसके बाद से जेडीयू में लगातार टूट के संकेत मिल रहे हैं। सोमवार को सिंह पटना आए हैं। इसको लेकर जब जेडीयू के संसदीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि जेडीयू में लगातार अंदुरूनी कलह के बुलबुले निकल रहे हैं।
आरसीपी सिंह के बारे जब कुशवाहा से पूछा गया तो उन्होंने कहा हैं, "मैं पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए बिहार के प्रत्येक जिले का दौरा कर रहा हूं। मेरा जहानाबाद का पूर्व निर्धारित दौरा है। पार्टी ने न तो कोई जानकारी साझा की है और न ही मुझे पार्टी में किसी से कोई पत्र मिला है। इसलिए, मैं उनके स्वागत कार्यक्रम में कैसे जा सकता था।"
आरसीपी सिंह के स्वागत को लेकर पटना के चौक-चौराहे पर पोस्टर लगे हुए हैं। लेकिन, दिलचस्प है कि इसमें हाल ही में पार्टी के बनाए गए राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के फोटो नहीं है। इसको लेकर कुशवाहा ने कहा है, "हम आरसीपी सिंह के स्वागत पोस्टरों से ललन सिंह की तस्वीरें हटाने को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। हर कोई जानता है कि ललन सिंह कौन हैं और पार्टी में किस तरह के पद पर हैं। गुटबाजी में शामिल लोगों को भविष्य में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।"
दरअसल, आरसीपी सिंह के समर्थकों ने उपेंद्र कुशवाहा का बहिष्कार किया है। उनका मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूसरे कार्यकाल के बाद पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए आरसीपी सिंह ने अहम भूमिका निभाई है।
बिहार के सत्ता में प्रमुख घटक दल जेडीयू और विपक्षी दल आरजेडी- दोनों में पोस्टर वार छिड़े हुए हैं। एक तरफ आरजेडी में पोस्टर से तेजस्वी यादव के फोटो हटाए जाने और तेज प्रताप यादव द्वारा जनदानंद सिंह को हिटलर कहे जाने को लेकर राजनीति गर्म है। जेडीयू में ललन सिंह आरसीपी सिंह के मंत्री बनाए जाने को लेकर बगावती तेवर अख्तियार किए हुए थे, लेकिन अब उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया है। वहीं, मोदी मंत्रिमंडल में ललन सिंह को भी जगह मिलने की संभावना थी लेकिन भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार ने जेडीयू को महज एक ही सीटें दी।