कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार दो सीटों से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अमेठी के साथ-साथ वे केरल के वायनाड सीट से भी चुनावी मैदान में उतरेंगे। भौगोलिक रूप से वायनाड सीट दक्षिण के तीन राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक से जु़ड़ा हुआ है इसके अलावा इस सीट पर कांग्रेस का लगातार कब्जा रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे दूसरी सीट के तौर पर चुना है।
2008 में परिसीमन के बाद यह सीट वजूद में आई। इस लोकसभा सीट के अन्तर्गत केरल के तीन जिलों कोझिकोड, वायनाड और मलप्पुरम की सात विधानसभा सीटें आती हैं। 2009 और 2014 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के एमवाई शनावास जीते थे। 2014 के चुनाव में कांग्रेस और सीपीआई के बीच कड़ी टक्कर हुई थी। कांग्रेस के एमवाई शनावास ने सीपीआई कैंडिडेट पीआर सत्यन मुकरी को 20,870 वोटों से हराया था। नवंबर, 2018 में शनावास का निधन हो गया। इसके बाद से ही यह सीट खाली है। इस बार सीपीआई ने इस सीट से पीपी सुनेर को टिकट दिया है।
2011 की जनगणना के अनुसार वायनाड जिले की कुल आबादी 8,17,420 है। इसमें से 4,01,684 पुरुष और 4,15,736 महिलाएं शामिल हैं। जिले की 89.03 प्रतिशत आबादी साक्षर है। वायनाड में 4,04,460 (49.48%) हिंदू आबादी निवास करती है। इसके अलावा 2,34,185 (28.65%) जनसंख्या मुस्लिम समुदाय की है। ईसाई समुदाय की बात करें तो जिले में उनकी आबादी 1,74,453 (21.34%) है।
वायनाड क्यों? …क्या कहती है कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एंटनी ने कहा कि राहुल गांधी से वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और बताया कि राज्य के लोगों की ओर से आ रही मांग को ठुकराना उचित नहीं है। एंटनी ने बताया कि कई कारणों से केरल की वायनाड सीट को चुना गया है। एंटनी ने कहा कि केरल की वायनाड सीट सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। यह सीट केरल, तमिलनाडु और तमिलनाडु को जोड़ती है। ऐसे में राहुल गांधी यदि वायनाड सीट से लड़ते हैं तो यह दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व होगा।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में लगातार दक्षिण भारत से अन्याय होता रहा है। ऐसे में उत्तर और दक्षिण भारत को सांस्कृतिक तौर पर जोड़े रखना बेहद जरूरी था। राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़कर तीनों राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
‘यह वामपंथ के खिलाफ लड़ाई है’
राहुल गांधी के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने पर केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने कहा कि वायनाड से चुनाव लड़कर राहुल लेफ्ट को चुनौती देने आ रहे हैं। उन्हें उस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहिए जहां भाजपा चुनाव लड़ रही है, यह वामपंथ के खिलाफ लड़ाई के अलावा कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि वायनाड 20 लोकसभा सीटों में से एक है और इसे बाकी सीटों से अलग देखने की आवश्यकता नहीं है। हम राहुल गांधी से लड़ेंगे।
वहीं सीपीआई नेता प्रकाश करात ने कहा कि वायनाड से राहुल गांधी को मैदान में उतारने का कांग्रेस का निर्णय अब केरल में वामपंथ के खिलाफ लड़ने की उनकी प्राथमिकता को दर्शाता है। यह बीजेपी से लड़ने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के खिलाफ जाता है, क्योंकि केरल में एलडीएफ है जो बीजेपी से लड़ रहा है। हम पुरजोर विरोध करेंगे और इस चुनाव में हम वायनाड में राहुल गांधी की हार सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे।