लखनऊ के निराला नगर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे संजय जोशी भाजपा के कई नेताओं से भी मिलेंगे। हालांकि प्रदेश भाजपा से जुड़े कई नेता अनौपचारिक बातचीत में यह स्वीकारते हैं कि संजय जोशी से मुलाकात होनी है लेकिन खुलकर कोई बात करने के लिए तैयार नहीं है। जोशी कभी भाजपा में ताकतवर हुआ करते थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के कारण उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा की गिरती साख ने संघ नेताओं को चितिंत कर दिया है। जिसे देखते हुए माना जा रहा है कि संजय जोशी को फिर एक बार कोई महत्वपूर्ण कमान दी जा सकती है।
सूत्रों के मुताबिक हाल ही में जोशी मुंबई में संघ के प्रमुख पदाधिकारियों से मिले थे और भाजपा से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा भी हुई। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है और संजय जोशी का लखनऊ पहुंचने के बाद सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। भाजपा एक नेता नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ-साथ संघ की प्रतिष्ठा से भी जुड़ गया है। जिस तरह से लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश में बढ़त मिली थी उसी तरह की बढ़त के लिए पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारी भी कर रही है। भाजपा नेता के मुताबिक चुनाव में अभी समय है लेकिन यह संभव है कि जोशी को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी सकती है।