कांग्रेस ने अपनी 51 सदस्यीय कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का ऐलान कर दिया है। इसे लेकर जहां महिलाओं को कम प्रतिनिधित्व देने की बात सामने आ रही है, वहीं कई राज्यों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली सीडब्ल्यूसी में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है।
खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड को समिति में शामिल नहीं किया गया है, जबकि कुछ राज्यों को इसकी तुलना में बड़ी भागीदारी दी गई है।
केरल के चार नेताओं- ओमन चांडी, एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल और पीसी चाको को सीडब्ल्यूसी में शामिल किया गया है। वहीं हरियाणा की कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, दीपेन्द्र हुड्डा और कुलदीप बिश्नोई जैसे 4 नेता सूची में शामिल हैं।
सीडब्ल्यूसी में पहले बिहार कोटे से शकील अहमद थे, जिन्हें इस बार मौका नहीं मिला।
बंगाल में कांग्रेस के चेहरे के तौर पर प्रणव मुखर्जी थे, लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद वो पार्टी की राजनीति से अलग हो गए। इसके अलावा प्रियरंजन दासमुंसी के निधन के बाद अधीर रंजन चौधरी महज एकलौते चेहरे हैं, जो फिलहाल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। मगर इनको स्थान नहीं मिला।
बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सुशील कुमार शिंदे, मोहन प्रकाश, सीपी जोशी और शशि थरूर को नए सीडब्ल्यूसी में शामिल नहीं किया गया है।
सदस्यों में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, डॉ मनमोहन सिंह, मोतीलाल वोरा, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, ओमन चांडी, तरुण गोगोई, सिद्दारमैया, आनंद शर्मा, हरीश रावत, कुमारी सैलजा, मुकुल वासनिक, अविनाश पांडे, केसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया, ताम्रध्वज साहू, रघुवीर मीणा, गखखंगम और अशोक गहलोत शामिल हैं।