आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के मददगारों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। जानकारी मिली है कि ब्रिटेन में मोदी को मदद करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के तीन रिटायर्ड जज, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर आरडी त्यागी और जाने-माने पत्रकार प्रभु चावला भी शामिल हैं। लंदन में रहने के लिए ललित मोदी को कानूनी मदद देने वाले सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हैं - जस्टिस उमेश सी बनर्जी, जस्टिस जीवन रेड्डी और जस्टिस एसबी सिन्हा। कहा जा रहा है कि उमेश सी बनर्जी उस लॉ फर्म से जुड़े हैं जो ललित मोदी के इमीग्रेशन संबंधी मामले देखती है।
दो समाचार चैनलों ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों से ललित मोदी को कानूनी मदद मिलने का दावा किया है। लंदन में ललित मोदी के प्रवास के लिए कई लोगों ने गवाही दी थी। इसी मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से ललित मोदी के समर्थन में लिखी चिट्ठी उनके लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। लेकिन गवाहों की सूची में और भी कई बड़े नाम शामिल हैं। हालांकि, इस सूची में किसी नेता का नाम नहीं है लेकिन ललित मोदी के आव्रजन आवेदन में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की राय शामिल थी, जिसके मुताबिक यूपीए सरकार ने गलत तरीके से ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द किया। एनडीटीवी के अनुसार, जस्टिस जीवन रेड्डी और जस्टिस एसबी सिन्हा ने ललित मोदी को लंदन में रूकने के लिए कानूनी राय दी थी। भारत की पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों द्वारा ललित मोदी को मदद पहुंचाने की कड़ी आलोचना की है।
ललित मोदी के मददगारों में पूर्व जजों का नाम आने से विवाद में नया मोड़ आ सकता है। दरअसल, लंदन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की बात सामने आने के बाद ललित मोदी दो मोर्चों पर काम कर रहे हैं। एक तरफ तो वह खेल, राजनीति, पुलिस, प्रशासन, कारोबार और मीडिया से जुड़ी बड़ी-बड़ी हस्तियों से अपने करीबी रिश्ते सार्वजनिक कर रहे हैं जबकि दूसरी तरफ आईपीएल और बीसीसीआई में हुई गड़बडि़यों के लिए अरुण जेटली, राजीव शुक्ला और एन. श्रीनिवासन जैसे लोगों पर जमकर निशाना साध रहे हैं। जिस तरह वसुंधरा राजे से मिली मदद का खुलासा खुद ललित मोदी ने कराया था, बहुत संभव है कि पूर्व जजों के नाम भी उन्हीं की शह पर सामने आए हैं। सोशल मीडिया और अपनी वेबसाइट के जरिए वह आए दिन नए-नए खुलासे कर अपने साथ बड़ी-बड़ी हस्तियों लपेटने में जुटे हैं।
प्रभु चावला की सफाई
ललित मोदी को मदद पहुंचाने के मामले में वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि वह अपनी व्यक्तिगत हैसियत से लंदन गए थे और उन्होंने ऐसे किसी दस्तावेज पर दस्तखत नहीं किए जिसे उनकी गवाही कहा जाए। लंदन की एक लॉ फर्म ने उनसे संपर्क किया था और वह अपने खर्चे पर गए थे। प्रभु चावला ने ललित मोदी का बचाव करते हुए कहा है कि वह खेल की राजनीति के शिकार हुए हैं। बीसीसीअाई के अन्य सदस्यों को भी नोटिस जारी हुए थे लेकिन उन सबके नाम नहीं लिए जा रहे हैं? अन्य अधिकारियों के पासपोर्ट क्यों जब्त नहीं हुए? आईपीएल में सामूहिक जिम्मेदारी बनती है। लेकिन सिर्फ ललित मोदी को ही निशाना बनाया गया।
आरडी त्यागी ने कहा- कुछ गलत नहीं किया
लंदन में ललित मोदी के पक्ष में दी गवाही को जायज ठहराते हुए मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर आरडी त्यागी ने कहा है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। ललित मोदी भगोड़ा नहीं है, वह तो आरोपी भी नहीं है, सिर्फ संदिग्ध है। पांच साल से उनके खिलाफ ईडी की जांच कहीं नहीं पहुंची। एक समाचार चैनल से बात करते हुए त्यागी ने कहा कि उन्होंने लंदन में ललित मोदी निशुल्क सहायता दी थी।