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क्‍या सज्‍जन जिंदल हैं मोदी-शरीफ मुलाकात की अहम कड़ी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काबुल से लौटते हुए लाहौर उतरकर सबको हैरानी में डाल दिया। उनके अचानक लाहौर पहुंचने और पाकिस्‍तानी पीएम नवाज शरीफ के घर जाने के कदम से हर कोई आश्‍चर्यचकित है। लेकिन सियासी चर्चाओं पर यकीन करें तो इस मुलाकात का एक स्‍टील कनेक्‍शन भी है।
क्‍या सज्‍जन जिंदल हैं मोदी-शरीफ मुलाकात की अहम कड़ी?

मोदी और नवाज शरीफ की अप्रत्‍याशित मुलाकात के पीछे भारतीय उद्योगपति सज्‍जन जिंदल को अहम कड़ी माना जा रहा है। दोनों की मुलाकात के दौरान लाहौर में सज्‍जन जिंदल की मौजूदगी से भी इन अटकलों को बल मिला है। जिंदल ने खुद ट्वीट कर बताया कि वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ काे जन्‍मदिन की बधाई देने के लिए लाहौर में हैं। 

प्रधानमंत्री की लाहौर यात्रा पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस प्रवक्‍ता आनंद शर्मा ने कहा कि एक उद्योगपति जिसके पाकिस्‍तान में सत्‍ताधारियों के साथ कारोबारी रिश्‍तें हैं वहां पहले से वहां माैजूद थे। फिर पीएम का यह दौरा अचानक कैसे हुआ? शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी वहां अपने निजी हित साधने गए थे न कि राष्‍ट्र हित के लिए। उन्‍होंने आरोप लगाया कि मोदी की पाकिस्‍तान यात्रा पहले से प्रस्तावित थी। 

पिछले साल काठमांडू में सार्क सम्‍मेलन के दौरान नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी के बीच हुई कथित सीक्रेट मीटिंग के पीछे भी स्‍टील किंग सज्‍जन जिंदल को ही वजह माना जाता है। वरिष्‍ठ पत्रकार बरखा दत्‍त ने अपनी किताब में दावा किया है कि काठमांडू में दोनों प्रधानमंत्रियों की मीटिंग कराने में सज्‍जन जिंदल ने अहम भूमिका निभाई थी।  

कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया कि मसला शांति नहीं बल्कि स्‍टील कारोबार है। इसलिए तो प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले सज्‍जन जिंदल लाहौर पहुंच गए थे। उल्‍लेखनीय है कि सज्‍जन जिंदल कांग्रेस के नेता नवीन जिंदल के भाई हैं। उनके नवाज शरीफ और उनके बेटे हुसैन से काफी अच्‍छे संबंध बताए जाते हैं। 

 

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