गुजरात चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक बयानबाजी अपने चरम पर है। सियासी हमले की रफ्तार भी काफी तेज है। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान ने राजनीतिक गर्मी और बढ़ा दी है। दरअसल पीएम मोदी ने बुधवार को गुजरात के मोरबी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर कटाक्ष किया, जिसके बाद उनके बयान पर घमासान मच गया।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
मोरबी की जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मुझे याद है कि इंदिरा बहन जब मोरबी आई थीं तो बदबू की वजह से उन्होंने अपनी नाक पर रूमाल रखा हुआ था। उनकी ये फोटो मैगजीन में छपी थी।” साथ ही उन्होंने कहा कि जनसंघ और आरएसएस को मोरबी की गलियों से खुशबू आती है और वह खूशबू मानवता की होती है।
प्रधानमंत्री ने मैगजीन में छपी फोटोग्राफ के बारे में लिखी पंक्तियों के बारे में कहा, "एक फोटो पर लिखा था मानवता की महक और दूसरी तरफ लिखा था राजकीय गंदगी।"
क्या है सच्चाई?
प्रधानमंत्री के बयान के बाद जिस तस्वीर की चर्चा हो रही है वह 1979 में मोरबी के मच्छू डैम हादसे के बाद की है। 11 अगस्त 1979 को मच्छू डैम टूट गया था, जिसके बाद पूरा शहर पानी की जद में आ गया था। इस दुर्घटना में बड़ी मात्रा में जन-धन की हानि हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इसी हादसे के बाद मोरबी इलाके का दौरा करने गई थीं। इंदिरा गांधी ने यहां 16 अगस्त को दौरा किया था। इसके बाद गुजरात की चित्रलेखा पत्रिका ने 27 अगस्त को तस्वीरें प्रकाशित की थीं, जिसमें इंदिरा गांध्ाी मुंह पर रूमाल रखी हुई हैं।
अब पीएम के कटाक्ष के बाद ये तस्वीर वायरल हो रही है। लेकिन इसमें इंदिरा गांधी ही नहीं, जनसंघ और आरएसएस के स्वयंसेवक भी मुंह पर रूमाल बांधे दिखाई दे रहे हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने जिस फोटो कैप्शन का जिक्र किया वह भी इससे अलग है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "एक फोटो पर लिखा था मानवता की महक और दूसरी तरफ लिखा था राजकीय गंदगी।"
जबकि इन तस्वीरों के नीचे लिखा था "बदबूदार पशुता महकती मानवता।"
इसे लेकर कहा जा रहा है कि मच्छू डैम टूटने से कई इंसानों और पशुओं की मौतें हुई थीं, जिसकी वजह से महामारी फैलने का खतरा भी काफी बढ़ गया था। मोरबी में चारों तरफ बहुत दुर्गंध फैली हुई थी। उस समय सबके लिए मुंह पर रूमाल बांधना जरूरी कर दिया गया था। ऐसे हालात में ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मोरबी दौरे के दौरान अपने मुंह पर रूमाल रखा था।
अब ऐसे में राजनीतिक छींटाकशी के दौरान ऐसे वाकयों को अलग तरीके से पेश करना समझ से परे है।