गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को बिना किसी सुगबुगाहट के अचानक से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। दरअसल, अभी तक इस बात की कोई चर्चा नहीं थी कि भाजपा के अंदरखाने में कुछ इस तरह की गतिविधियां चल रही है। लेकिन, अगले कुछ सालों में जिस तरह से कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्री पद को लेकर हेरफेर किए जा रहे हैं। उससे कई राजनीतिक संकेत को स्पष्ट हो रहे हैं।
शनिवार को इस्तीफा देने के बाद विजय रूपाणी ने कहा, "मेरा मानना है कि अब गुजरात के विकास की यह यात्रा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नए उत्साह और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़नी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए मैं गुजरात के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी से इस्तीफा दे रहा हूं।" गांधीनगर में विजय रूपाणी ने कहा, "मैं गुजरात के सीएम के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए भाजपा को धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरे कार्यकाल के दौरान, मुझे पीएम मोदी के नेतृत्व में राज्य के विकास से जुड़ने का अवसर मिला।"
इससे पहले उत्तराखंड और कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदले गए थे। सबसे पहले उत्तराखंड में भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम पद से हटाया। उसके बाद तीरथ सिंह रावत को कुर्सी सौंपी गई। लेकिन, तीरथ सिंह रावत कुछ महीने ही मुख्यमंत्री रह पाएं। अपने कई अटपटे बयानों को वो सुर्खियों में रहें। जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि, इसके पीछे रावत ने संवैधानिक कारणों का हवाला दिया। रावत ने कहा कि वो विधानसभा के सदस्य नहीं हैं और अब राज्य में उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं क्योंकि अगले साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, रावत को हटाकर पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया। अब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले दिनों पार्टी के हाईकमानों से पूछा था कि उन्हें क्यों हटाया गया।
उत्तराखंड के बाद कर्नाटक में भी बड़े बदलाव करते हुए भाजपा ने बीएस येदियुरप्पा को पद से हटाकर बसवराज बोम्मई को राज्य की कमान सौंपी है। यहां तक कि बोम्मई मंत्रिमंडल में येदियुरप्पा के बेटे को भी जगह नहीं मिली है। इसके बाद से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले इसतरह से मुख्यमंत्री पद को लेकर फेरबदल करना कई राजनीतिक इशारा कर रहे हैं। अगले साल एक साथ पांच राज्यों में- पंजाब, मणिपुर, गोवा, यूपी और उत्तराखंड में चुनाव होने हैं। वहीं, गुजरात और कर्नाटक में भी अागामी साल के अंत में चुनाव होने हैं।
अभी तक इस बात के कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आए हैं कि गुजरात के सीएम ने अचानक से इस्तीफा क्यों दिया है। रूपाणी ने भी कोई कारण नहीं बताया है। वहीं, अब राजनीतिक जानकार इस हेरफेर को आगामी आने वाले वक्त के चुनावों से जोड़ कर देख रहे हैं। हालांकि, भाजपा का ये भी मानना है कि इन नेताओं के नेतृत्व में पार्टी को आगामी चुनावों जीतने में दिक्कतें आ सकती हैं।