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2025 से पहले नीतीश को बड़ा झटका देने की तैयारी में बीजेपी?, JDU से अलग होकर बनाएगी 'सरकार'; अंदरखाने की ये है स्टोरी

भाजपा कोटे से बिहार सरकार में सम्राट चौधरी पंचायती राज मंत्री हैं जो अपने तेवर और बयानबाजी की वजह से...
2025 से पहले नीतीश को बड़ा झटका देने की तैयारी में बीजेपी?, JDU से अलग होकर बनाएगी 'सरकार'; अंदरखाने की ये है स्टोरी

भाजपा कोटे से बिहार सरकार में सम्राट चौधरी पंचायती राज मंत्री हैं जो अपने तेवर और बयानबाजी की वजह से लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। लेकिन, अब इनके संकेत से ऐसा लग रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव 2025 और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नीचे से जमीन खींचने की तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को हाजीपुर में अपने कार्यकर्ताओं से यहां तक कहा कि ऐसा संगठन बनाएं कि अगले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनें।

मंत्री सम्राट चौधरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि प्रदेश में भाजपा का पन्ना प्रमुख स्तर तक संगठन को मजबूत किया जाए ताकि अगले 2024 लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव 2025 तक भाजपा की अपनी सरकार बनें। चौधरी के इस बयान से ये स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा नीतीश के साथ बड़ा खेल करने की ताक में है।

सम्राट चौधरी सरीखे भाजपा का रवैया बीते कुछ महीनों से सीएम नीतीश के खिलाफ दिखाई दे रहे हैं। पिछले दिनों नीतीश ने एक तरफ जहां जनसंख्या नियंत्रण पर कानून या नीति बनाए जाने की जरूरत को नकार दिया। वहीं, उनके भाजपाइ मंत्री इसका समर्थन करते हुए इसे लागू करने की बात कही। बिहार में पंचायत चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपाइ पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी पंचायत चुनावों में दो बच्चों वाले कानून को लागू करने का मन बना चुके हैं।

इनका कहना है कि जब ये कानून नगर निकायों चुनावों में लागू किए जा सकते हैं फिर पंचायत चुनावों में क्यों नहीं। नीतीश सरकार में सिर्फ सम्राट ही नहीं हैं जो इस कानून और नीति बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। भाजपा कोटे के मंत्री नितिन नवीन का कहना है कि बिना कानून के जनसंख्या नियंत्रण करना मुश्किल है। इसे कैसे नियंत्रित किया जाए, ये हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।  इसमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी लगातार सुर मिला रहे हैं। 

ये वहीं सम्राट चौधरी हैं जो मार्च के महीने में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से सदन में भीड़ गए थे, उन्हें दायरे में रहने की नसीहत दे डाली थी। सिन्हा को सम्राट ने कहा था कि "ज्यादा व्याकुल होने की जरूरत नहीं है"। हालांकि, बाद में उन्होंने माफी मांग ली थी।

भाजपा के खिलाफ नीतीश की नाराजगी भी कई बार अब तक सरकार बनने के बाद से खुलकर सामने आ चुकी है। साल की शुरुआत में अरुणाचल प्रदेश जेडीयू इकाई के छह विधायक पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा को नसीहत दी थी कि वो किसी भी फैसले को लेने के लिए स्वतंत्र है। वहीं, कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी पर भी जेडीयू ने कहा था कि इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है। जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने आउटलुक से कहा था कि उनके कोटे से अधिक मंत्री बनने हैं और वो लिस्ट देने में देरी कर रहे हैं।

वहीं, भाजपा लगातार अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश में जुटी हुई है। राज्य में चुनाव परिणाम के बाद तारकेश्वर प्रसाद और रेणु देवी के रूप में दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। जबकि दिल्ली आलाकमानों का प्रदेश भाजपा को कहना है कि अब राज्य में हो रहे विकास के कामों में भाजपा की भी भागीदारी दिखनी चाहिए। दूसरी तरफ जिस तरह से भाजपा ने चिराग का सिक्का चल जेडीयू को चुनाव में काफी नुकसान पहुंचाया है और सम्राट चौधरी के हालिया बयान को देखें तो उससे लगता है कि आगामी चुनाव से पहले भाजपा जेडीयू को झटका दे सकती है। क्योंकि, चुनाव में जब नीतीश को महज 43 सीटें आई थी, उसके बावजूद मुख्यमंत्री बनने पर भाजपा के कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी।

जेडीयू भी स्पष्ट कर चुकी है कि आगामी विधानसभा चुनाव भी पार्टी नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ेगी। आउटलुक से जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने ये बातें बीते महीनें कही थी। अब यदि आगामी चुनाव से पहले भाजपा अपने चेहरे को आगे करती है तो फिर जेडीयू और भाजपा में घमासान तेज होगा और बिहार की सियासत नई करवट बैठेगी। ये तय है।

 

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