Advertisement

बंगाल में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन में कराया जाना चाहिये : शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुयी हालिया हिंसा के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के पूरी...
बंगाल में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन में कराया जाना चाहिये : शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुयी हालिया हिंसा के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के पूरी तरह खराब होने का आरोप लगाते हुये भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को मांग की कि प्रदेश में 2026 में होने वाला विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत करवाया जाना चाहिये।

अधिकारी ने कहा कि सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज सहित मुर्शिदाबाद के कुछ हिस्सों में जारी अशांति ने नागरिकों की सुरक्षा और शांति बनाए रखने में राज्य सरकार की अक्षमता को उजागर किया है।

उन्होंने दावा किया कि जब भीड़ उत्पात मचा रही थी, तब सरकार मूकदर्शक बनी रही।

विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां भी हिंदू अल्पसंख्यक हैं, उन्हें मतदान करने से रोका जाता है। पुलिस सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरह काम करती है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत होने चाहिए।’’

हाल ही में हुई हिंसा के पीछे ‘जिहादी तत्वों’ का हाथ होने का आरोप लगाते हुए अधिकारी ने कहा, ‘‘इन समूहों को बेलगाम होने की अनुमति दी गई है। हम उनसे निपटने के लिए तैयार हैं, लेकिन सभी को समान अवसर मिलना चाहिए। निर्वाचन आयोग को चुनाव से पहले राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने पर विचार करना चाहिए।’’

अधिकारियों ने बताया कि हिंसा से प्रभावित सैकड़ों लोगों ने कथित तौर पर भागीरथी नदी पार कर पड़ोसी मालदा जिले में शरण ली है। स्थानीय प्रशासन ने विस्थापित परिवारों को आश्रय और भोजन उपलब्ध कराया है, उन्हें स्कूलों में ठहराया है और नावों से आने वालों की सहायता के लिए स्वयंसेवी दल गठित किए हैं।

अशांति की शुरुआत वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन से हुई, जो जल्द ही झड़पों में बदल गई, जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए और कई घायल हो गए।

प्रभावित क्षेत्रों से प्राप्त तस्वीरों में दुकानों, घरों और होटलों के जले हुए अवशेष दिखाई दे रहे हैं।

भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, ‘‘लोग बंगाल के भीतर ही बस रहे हैं, राज्य से भाग नहीं रहे हैं। प्रशासन सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है और पुलिस जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए काम कर रही है।’’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की कि उनकी सरकार राज्य में संशोधित वक्फ अधिनियम लागू नहीं करेगी।

इस बीच, अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शनिवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तैनाती का निर्देश दिया।

अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad