जिस प्रचंड बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी पंजाब की सत्ता में आई है, उसका अनुमान उसे खुद नहीं रहा होगा। पंजाब में 'आप' ने मुख्यतः दो चेहरे के दम पर चुनाव पर लड़ा था। पहला, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और संगरूर से सांसद भगवंत मान के नाम पर। पंजाब में दोनों नेताओं का जादू ऐसा चला कि विधानसभा की 117 सीटों में से 92 सीटों पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने पूरे पंजाब को क्लीन स्वीप कर दिया है। दोनों नेताओं ने पंजाब में ऐसा 'झाड़ू' चलाया कि सभी राजनीतिक दलों का सूफड़ा साफ हो गया। आप के जादू का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीटों से हार गए और कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी अपनी सीट गंवानी पड़ी।
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को चुनाव से कुछ समय पहले पंजाब में पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया था। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा एक सर्वे के जरिये घोषित किया था, जिसमें करीब 21 लाख यानी 93 प्रतिशत लोगों ने भगवंत मान को पसंद किया था। अब आदमी पार्टी की चुनाव में शानदार जीत के साथ यह तय हो गया है कि भगवंत मान ही पंजाब के अगले सीएम होंगे।
आइये जानते है कौन हैं भगवंत मान और कैसा रहा है उनका राजनीतिक सफर
1. भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले के संतोज गांव में हुआ। उनके घर का नाम जुगनू है। भगवंत मान मालवा क्षेत्र के संगरूर से सांसद हैं और कॉलेज ड्रॉपआउट भी हैं। कॉलेज से ड्राप होने के बाद, उन्होंने स्टैंडअप कॉमेडी में हाथ आजमाया और सफलता प्राप्त की। सबसे बड़ी आयरनी है यह है कि जब भगवंत मान ने एक कॉमेडियन के रूप में राष्ट्रीय टेलीविजन पर दस्तक दिया था तब, उस शो में जज पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू थे। जाहिर है कि इस चुनाव में दोनों एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी थे।
2. नवभारत टाइम्स के अनुसार, भगवंत मान की शादी इंद्रप्रीत कौर से हुई थी, लेकिन 2015 में दोनों अलग हो गए। मान के दो बच्चे भी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, एक साक्षात्कार में भगवंत मान ने बताया था कि वो राजनीति पर ज्यादा ध्यान देते थे, जिसके वजह से वो अपनी पत्नी को समय नहीं दे पा रहे थे। इसलिए वो और उनकी पत्नी आपसी सहमति से अलग हो गए।
3. भगवंत मान का विवादों से भी बहुत नाता रहा है। मान के ऊपर अक्सर यह आरोप लगता था कि वह संसद में शराब पीकर आते हैं। इस बात की शिकायत आम आदमी पार्टी से निलंबित हुए एक सांसद ने तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से की थी। इस बात को लेकर पीएम मोदी भी मान को आड़े हाथ ले चुके हैं। इसके बाद साल 2019 में भगवंत मान ने अरविंद केजरीवाल के साथ मंच साझा करते हुए शराब छोड़ने की कसम खाई थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि अपनी मां की बात मानते हुए उन्होंने शराब छोड़ने का निर्णय लिया है।
4. भगवंत मान का राजनीतिक सफर की शुरुआत 2011 में हुई थी। उस वक्त वो मनप्रीत सिंह बादल की पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
5. हालांकि 2014 में वो आप आदमी पार्टी में शामिल हुए और गृह जिले संगरूर से चुनाव जीतकर सांसद बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वो इसी सीट से सांसद बने।
6. वर्ष 2017 में आम आदमी पार्टी ने उन्हें पंजाब यूनिट का अध्यक्ष बनाया। लेकिन विवादों के कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन बाद में केजरीवाल के कहने पर उन्होंने वो पद स्वीकार्य कर लिया।
7. पंजाब में भगवंत मान की लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ती गई, जिसको देखते हुए आप ने भगवंत मान को पंजाब के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। उन्हें धुरी सीट से विधायक प्रत्याशी बनाया गया था। मान अब पंजाब के अगले सीएम होंगे।