भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कर्नाटक सरकार के सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी आलोचना की और आरोप लगाया कि यह कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा है और इससे राष्ट्रीय एकता कमजोर होगी।
उन्होंने दावा किया कि राहुल नए साल के दौरान भी वियतनाम में थे और होली के दौरान भी वहीं थे।
उन्होंने गांधी पर विपक्षी दलों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक सांप्रदायिक और वोट बैंक की राजनीति में कांग्रेस का नेतृत्व करने का आरोप लगाया और दावा किया कि कर्नाटक सरकार द्वारा मुस्लिम ठेकेदारों के लिए कोटा तय करने के फैसले के पीछे भी गांधी का ही हाथ है।
प्रसाद ने कहा कि ऐसा निर्णय छोटा लग सकता है, लेकिन इस तरह के घटनाक्रमों के गंभीर राष्ट्रीय परिणाम होते हैं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या इस तरह की प्रतिस्पर्धी तुष्टीकरण की राजनीति की कोई सीमा है और क्या सिनेमा और रेल टिकट खरीदने के लिए मुसलमानों की अलग कतारें लगेंगी।
पूर्व कानून मंत्री ने दावा किया कि ऐसे फैसले उन मुसलमानों की आवाज को भी कमजोर करते हैं जो ऐसी राजनीति के खिलाफ हैं और देश के विकास के लिए खड़े हैं।
प्रसाद ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान मुसलमानों के लिए अलग व्यवहार की कई मांगों का परिणाम अंततः देश का विभाजन हुआ।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के फैसले को अदालतों में चुनौती दी जाएगी।
प्रसाद ने कहा कि संविधान में सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण का प्रावधान है और विभिन्न राज्यों में मुसलमानों को भी इसका लाभ मिला है।
कर्नाटक सरकार ने मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी निविदाओं में चार प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन को अपनी मंजूरी दे दी है।