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‘भ्रष्टाचारी नंबर-1’ कहना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं, मोदी को 9वीं बार मिली क्लीन चिट

आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नौवीं बार क्लीनचिट दी।...
‘भ्रष्टाचारी नंबर-1’ कहना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं, मोदी को 9वीं बार मिली क्लीन चिट

आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नौवीं बार क्लीनचिट दी। कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को कथित ‘भ्रष्टाचारी नंबर-1’ कहने पर आयोग से मोदी की शिकायत की थी। आयोग ने इस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना।  

आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता का स्पष्टतौर पर कोई उल्लंघन नहीं दिखता है। ऐसे में केस को रद्द किया जाता है। पीएम के ‘भ्रष्टाचारी नंबर-1’ वाले बयान को लेकर विपक्ष काफी हमलावर है। इस लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने पीएम मोदी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले उठाए हैं और सभी में उन्हें चुनाव आयोग से क्लीन चिट मिल गई है।

लोकसभा चुनावों के बीच राजीव गांधी के मुद्दा बनने के बाद कांग्रेस और सत्ताधारी दल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को चुनौती भी दी थी कि यदि उनमें दम है तो शेष बचे दो चरण के चुनाव वे पूर्व प्रधानमंत्री के मान-सम्मान और बोफोर्स के मुद्दे पर लड़ लें, पता चल जाएगा कि किसके बाजुओं में कितना दम है।

चुनाव आयोग से पीएम मोदी की कई बार शिकायत की गई

इससे पहले भी चुनाव आयोग से पीएम मोदी की कई बार शिकायत की गई थी। हर बार उन्हें आयोग से क्लीन चिट मिली थी। विपक्षी दलों ने लगातार पीएम मोदी को क्लीन चिट मिलने पर सवाल भी उठाया था। इस बीच एक और क्लीन चिट के साथ विपक्ष को फिर मौका मिल गया है। खास बात ये है कि अब तक पीएम मोदी के खिलाफ उनके बयानों पर कांग्रेस उतनी हमलावर नहीं रही, जितनी कि राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी कहने पर हुई थी।  

पहले भी दो बयानों पर मोदी को क्लीन चिट मिली

मोदी के वर्धा और लातूर में दिए गए बयानों को आयोग ने पिछले दिनों क्लीनचिट दी थी। मोदी ने वर्धा की रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने की आलोचना की थी। साथ ही संकेत दिया था कि केरल के इस संसदीय क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या अधिक है। लातूर में मोदी ने पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं से अपील की थी कि अपना पहला वोट एयर स्ट्राइक करने वाले वीरों और पुलवामा के शहीदों के नाम समर्पित करें।

जेटली का विपक्षी दलों पर निशाना

पीएम मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों की आयोग से की जा रही शिकायतों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निशाना साधा है। उन्होंने अपने ब्लॉग पोस्ट में मंगलवार को कहा कि आदर्श आचार संहिता के कारण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने नया रुख अपना लिया है कि अपने विरोधियों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता (MCC) के उल्लंघन का अधिक से अधिक आरोप लगाया जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर बात में गलती ढूंढने वाली पार्टी बन गई है।

जानें क्या बोले थे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले शनिवार को एक चुनावी रैली में बोफोर्स घोटाले की तरफ इशारा करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर बिना नाम लिए हमला बोला था। मोदी ने कहा था, 'आपके (राहुल गांधी) पिताजी को आपके राज दरबारियों ने गाजे-बाजे के साथ मिस्टर क्लीन बना दिया था लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया। नामदार यह अहंकार आपको खा जाएगा। यह देश गलतियां माफ करता है, मगर धोखेबाजी को कभी माफ नहीं करता।'

आपके कर्म इंतजार कर रहे हैं: राहुल गांधी

पीएम के इस बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, 'मोदीजी, लड़ाई खत्म हो चुकी है। आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं। खुद के बारे में अपनी आंतरिक सोच को मेरे पिता पर थोपना भी आपको नहीं बचा पाएगा। सप्रेम और झप्पी के साथ- राहुल।' उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने शहीद (राजीव गांधी) का अपमान किया, मेरे परिवार के लिए उनके भीतर जितनी भी नफरत हो, मेरे भीतर उनके लिए केवल प्रेम है।

आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस

कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने दावा किया कि चुनाव आयोग इसका विश्लेषण करने में नाकाम रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कथित नफरत वाले भाषण गलत आचरण हैं और इससे धार्मिक आधार पर वैमनस्य की भावना फैल रही है। देव ने एक हलफनामे में मोदी और शाह के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर चुनाव आयोग के विभिन्न आदेशों को शीर्ष न्यायालय के सामने रखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने कुछ शिकायतों का निपटारा करते हुए इस अदालत द्वारा निर्धारित कानून का सरासर उल्लंघन करते हुए बिना कोई कारण बताए गूढ़ तरीके से आदेश पारित किया।

 

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