उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि महाकुंभ भगदड़ और प्रयागराज यात्रा के दौरान सड़क हादसों में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद करेगी।
वर्मा के अलावा सपा के संग्राम यादव और कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना ने भी सरकार पर महाकुंभ भगदड़ में बदइंतजामी के गंभीर आरोप लगाए।
अधिकारियों के अनुसार महाकुंभ में पिछले माह 29 जनवरी को भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी और 60 से अधिक घायल हो गये। इसके अलावा महाकुंभ में स्नान के लिए आने और जाने के दौरान सड़क हादसों में भी कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
सदन के नेता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी सदस्यों को जवाब देते हुए कहा कि 29 जनवरी के भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं और प्रयागराज कुम्भ में महास्नान में आने और वापस जाने के दौरान सोनभद्र, अलीगढ़ या अन्य जगहों पर जो श्रद्धालु सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं, उन्हें वह श्रद्धांजलि देते है।
उन्होंने कहा,‘‘ हमारी संवेदना शोसंतप्त परिजनों के प्रति है। सरकार उनके साथ खड़ी है और हर संभव मदद करेगी। प्रश्न यह है कि इस पर राजनीति करना कितना उचित है।’’
एक शेर के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कटाक्ष किया,‘‘बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू, लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं। जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब हम चर्चा में भाग ले रहे हैं, तब 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगा चुके हैं।’’
उन्होंने विपक्षी दलों को घेरते हुए कहा कि जब वे सनातन धर्म, मां गंगा, भारत की आस्था, महाकुंभ के खिलाफ अनर्गल प्रलाप और झूठा वीडियो दिखाते हैं तो यह 56 करोड़ लोगों के साथ ही भारत की सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी पार्टी विशेष और सरकार का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है तथा सरकार सहयोग तथा उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए सेवक के रूप में है।
उन्होंने कहा,‘‘ सेवक के रूप में उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना हमारी जिम्मेदारी है।’’
योगी ने कहा कि ‘‘ हम तत्परता के साथ ऐसा करेंगे, क्योंकि हमें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है। हमारे मन में भारत की सनातन परंपराओं के प्रति श्रद्धा का भाव है।’’
उन्होंने कहा कि सौभाग्य है कि सदी के महाकुंभ के साथ सरकार को जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ।
उनका कहना था कि तमाम दुष्प्रचार को दरकिनार करते हुए देश-दुनिया ने इस आयोजन के साथ सहभागी बनकर इसे सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचाया है।
मुख्यमंत्री ने अपनी बोली हुई शायरी को लेकर नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसा और कहा कि यह उर्दू नहीं, हिंदी है।
योगी ने आरोप लगाया कि जब प्रदेश की स्थानीय बोलियों को सदन में महत्व मिला तो उन्होंने (सपा सदस्यों ने) विरोध किया क्योंकि हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादी संस्कार है।
उन्होंने कहा,‘‘हिंदी इस सदन की है। हिंदी को तो हटाया नहीं गया, बल्कि सदस्यों को छूट दी गई है कि वे इन बोलियों में बोल सकते हैं। यह थोपा नहीं गया, बल्कि सुविधा है। भोजपुरी, ब्रज, अवधी एवं बुंदेलखंडी की लिपि भी देवनागरी है।’’