कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के बिना कोई भी विपक्षी इंडिया गुट के अस्तित्व की कल्पना नहीं कर सकता।
पार्टी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत असम के उत्तरी सलमारा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस विपक्षी गठबंधन का एक "महत्वपूर्ण स्तंभ" है।
उन्होंने कहा, "ममता जी के बिना कोई भी भारत गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकता। आपने ममता बनर्जी का पूरा बयान नहीं सुना। उनका पूरा बयान यही है कि हम बीजेपी को हराना चाहते हैं और हम बीजेपी को हराने से एक कदम भी पीछे नहीं हटेंगे।"
उन्होंने कहा, "उसी भावना के साथ हम पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर रहे हैं। जब सफर लंबा है रास्ते में कुछ स्पीड ब्रेकर भी हो सकते हैं और लाल बत्ती भी हो सकती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम सफर ही रोक दें सफर जारी है हम स्पीड ब्रेकर और लाल बत्ती भी पार करते हैं।"
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने कल स्पष्ट रूप से कहा था कि टीएमसी और विशेष रूप से ममता बनर्जी, इंडिया गठबंधन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। हम ममता बनर्जी के बिना इंडिया गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि मुद्दों का समाधान किया जाएगा और इंडिया गठबंधन एकजुट होकर पश्चिम बंगाल में भी चुनाव लड़ेगा। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में सीट बंटवारे पर कांग्रेस में किसी से बात नहीं की है।
उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कथित तौर पर असम में कहे जाने के एक दिन बाद आई है कि तृणमूल कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत चल रही है। बनर्जी ने पूर्व बर्धमान के लिए रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, "मैंने कांग्रेस में (सीट-बंटवारे पर) किसी से बात नहीं की है, जहां वह एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने वाली हैं।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस को अपने दम पर 300 सीटें लड़ने दीजिए। क्षेत्रीय दल एक साथ हैं और बाकी सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, हम उनके (कांग्रेस) किसी भी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
बुधवार को ममता बनर्जी के अकेले चुनाव लड़ने के इस ऐलान से ऐसा लगने लगा है कि बंगाल में कांग्रेस के लिए दरवाजे बंद हो गए हैं। भारतीय गुट के लिए गठबंधन बनाना बड़ी बाधा साबित हुआ है और ऐसा प्रतीत होता है कि अब गठबंधन भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने में सक्षम नहीं हो सकता है।