कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर आग्रह किया कि संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और कई अन्य महापुरुषों की प्रतिमाओं को उस पुराने स्थल पर फिर से स्थापित किया जाएं जहां से हटाकर उन्हें दूसरे स्थान पर ले जाया गया है।
लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति को संबोधित अपने पत्र में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेताओं की प्रतिमाओं को बिना किसी परामर्श के ‘‘मनमाने ढंग से’’ एक अलग कोने में स्थानांतरित कर दिया गया है और यह लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन है।
उनका कहना है, ‘‘मैं सबसे पहले इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इन मूर्तियों को मनमाने ढंग से, बिना किसी परामर्श के हटाना, हमारे लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन है। इसका उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि पूरे विचार-विमार्श के बाद महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और अन्य राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियां स्थापित की गई थीं।’’
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति को अलग-अलग भेजे गए अपने पत्र में कहा कि संसद परिसर में प्रतिमाओं के स्थान का अत्यधिक मूल्य और महत्व है।
उन्होंने कहा कि संसद परिसर में राष्ट्रीय नेताओं और सांसदों के चित्र और मूर्तियां स्थापित करने के लिए एक समर्पित समिति है, लेकिन 2019 के बाद से समिति का पुनर्गठन नहीं किया गया है। विपक्षी दल अक्सर संसद परिसर के भीतर महात्मा गांधी और आंबेडकर की मूर्तियों के सामने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं।