महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं के नाम कथित तौर पर हटाए या जोड़े जाने को लेकर कांग्रेस द्वारा चिंता जताए जाने के बाद निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा कि राज्य में मतदाताओं के नाम न तो मनमाने ढंग से जोड़े गए हैं और न ही हटाए गए हैं।
कांग्रेस को दिए अपने जवाब में आयोग ने यह भी कहा कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में शाम पांच बजे के मतदान के आंकड़ों की तुलना अंतिम मतदान आंकड़ों के साथ करना सही नहीं होगा।
इसमें यह भी बताया गया कि कैसे शाम 5 बजे से रात 11:45 बजे तक मतदान प्रतिशत में वृद्धि सामान्य थी, जो कि मतदान के मतों को जोड़ने की प्रक्रिया का हिस्सा था और कैसे डाले गए मतों और गिने गए मतों में वास्तविक, लेकिन असंगत अंतर हो सकता है।
आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि वास्तविक मतदान प्रतिशत को बदलना असंभव है, क्योंकि मतदाता मतदान का विवरण देने वाला वैधानिक फॉर्म 17सी मतदान केंद्र पर मतदान बंद होने के समय उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंट के पास उपलब्ध होता है।
इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र में मतदाता सूची तैयार करने में पारदर्शिता के साथ नियम-आधारित प्रक्रिया का पालन किया गया और राज्य में मतदाता के नाम हटाए जाने में कोई अनियमित चलन नहीं था।
इसने कांग्रेस को बताया कि मतदाता सूची तैयार करने में कांग्रेस प्रतिनिधियों की भागीदारी सहित उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था।