जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार हेमंत सोरेन को ईडी ने आज गुरुवार को ईडी कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड पर देने का आग्रह किया। हालांकि कोर्ट ने आज जजमेंट को रिजर्व कर लिया। कल यानी 2 फरवरी को फैसला कोर्ट का आएगा कि हेमंत सोरेन का रिमांड कितने दिनों की होगी। फिलहाल हेमंत न्यायिक हिरासत में होटवार केंद्रीय कारा जाएंगे। बता दें कि गुरुवार को पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के विशेष जज दिनेश राय की अदालत में सुनवाई हुई। इसके पूर्व कड़ी सुरक्षा में हेमंत सोरेन को ईडी कार्यालय से पीएमएलए कोर्ट ले जाया गया। सीआईएसएफ, रैप और जिला बल के जवानों के साथ एक दर्जन वाहनों के काफिले के साथ कोर्ट पहुंचे। अदालत में हेमंत सोरेन की एक झलक पाने के लिए उनके चाहने वालों की भीड़ लगी रही। गाड़ी से निकलते हुए मुस्कराते हुए हाथ उठाकर हेमंत सोरेन ने लोगों का अभिवादन किया। ईडी ने अदालत को हेमंत सोरेन के खिलाफ मामले और उनकी गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी। रिमांड पिटीशन पर काफी बहस चलने के बाद कोर्ट ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया।
5.30 में राजभवन ने बुलाया गठबंधन शिष्टमंडल को
इधर गठबंधन दल के नवनिर्वाचित नेता चम्पाई सोरेन ने गुरुवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र भेजकर 3 बजे मुलाकात का समय मांगा। पत्र में कहा कि पिछले करीब 18 घंटों से राज्य में कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। राज्य में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। संवैधानिक प्रमुख होने के नाते हम सभी विधायक गण एवं राज्य की जनता आपसे उम्मीद करते हैं कि शीघ्र ही आप एक लोकप्रिय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त कर राज्य को भ्रम की स्थिति से बाहर निकालेंगे। अपने पत्र में चम्पाई सोरेन ने लिखा कि 31 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा आपको त्यागपत्र सौंपने एवं रात्रि 8.45 में आपके द्वारा इसे स्वीकृत कर लेने के पश्चात ही मेरे नेतत्व में आपके समक्ष उपस्थिति पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिसमं संयुक्त गठबंधन विधायक दल सह झामुमो विधायक दल के नेता के रूप में मैं तथा मेरे साथ कांग्रेस विधाक दल के नेता आलगीर आलम, राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता, माले विधायक विनोद कुमार सिंह एवं विधायक प्रदीप यादव शामिल थे। हमलोगों ने 47 विधायकें के समर्थन के दावे एवं 43 विधायकों के हस्ताक्षरयुत समर्थन पत्र आपको समर्पित किया था जो बहुमत के आंकड़े से अधिक है। यह भी उल्लेख करना उचित है कि मेरे साथ सभी 43 विधायक जिनका हस्ताक्षर समर्थन पत्र में दर्ज है वे राजभवन गये थे लेकिन गेट पर ही रुके रहे, उन्हें अंदर प्रवेश नहीं मिल पाया।
चम्पाई सोरेन ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि मेरे सरकार गठन के दावे को स्वीकार करते हुए मुझे शीघ्र मुख्यमत्री मनोनीत कर नयी सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने की कृपा की जाये। साथ ही यह भी अनुरोध है कि मुझे सभी विधायको के साथ आज अपराह्न तीन बजे राजभवन में मिलने का समय दिया जाय ताकि मैं आपसे विधायको के साथ मिलकर आपको आश्वस्थ कर सकूं कि बहुमत मेरे साथ है मैं राज्य में स्थिर सरकार देने में सक्षम हूं। जानकारी के अनुसार राज्यपाल ने शाम 5.30 बजे मुलाकात का समय दिया है। हालांकि सिर्फ पांच लोगों को ही मिलने के लिए बुलाया गया है। इधर गठबंधन विधायकों को हैदराबाद ले जाने के लिए विशेष विमान रांची एयरपोर्ट पर खड़ी है। इसे विधायकों को तोड़फोड़ से बचाने और एकजुट रखने की कवायद माना जा रहा है।
बसंत को सीएम बनाना चाहते हैं शिबू, बोले निशिकांत
दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी को लेकर चर्चा में रहने वाले गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे सोशल मीडिया (एक्स) पर लिखा है कि रांची सर्किट हाउस में हैदराबाद जाने वाले केवल 35 विधायक हैं। .... झामुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन जी के अनुपस्थिति में यह निर्णय विधायक दल के नेता का कौन लेगा? सूचना अनुसार शिबू सोरेनजी मुख्यमंत्री बसंत सोरेन जी को बनाना चाहते हैं।