गौरतलब है कि अखिलेश यादव इससे पहले भी मंत्रिमंडल से मंत्रियों को बर्खास्त कर चुके हैं और उसके बाद कुछ की मंत्रिमंडल में वापसी भी हुई है। लेकिन अचानक चुनाव से ठीक पहले दो मंत्रियों का बर्खास्त किया जाने से समाजवादी पार्टी में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि कुछ और मंत्री भी निशाने पर हैं। अखिलेश ने इन मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद इनके विभागों का बंटवारा भी कर दिया है। मूलचंद चौहान को खनन विभाग दिया गया है जबकि रामगोविंद चौधरी को पंचायती राज का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
खनन मंत्री पद से हटाए गए गायत्री प्रजापति को लेकर शुरू से ही शिकायतें मिलती रही है और विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग करता रहा है। लेकिन शुरू से ही अखिलेश सरकार बचाव करती रही है। प्रजापति के मामले में अखिलेश सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी झटका लग चुका है। मंत्रियों के बर्खास्त करने को लेकर विपक्ष ने भी हमला बोला है। भाजपा नेता विजय बहादुर पाठक का कहना है कि सरकार यह सब दिखावे के लिए कर रही है।