मध्य प्रदेश में वंदे मातरम गाने को लेकर सियासी घमासान अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। पिछले ही दिनों प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि वह सभी भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के साथ वंदे मातरम गाएंगे। अपने ऐलान के मुताबिक, मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी विधायकों ने वंदे मातरम गाया।
सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी ने वल्लभ भवन के सामने स्थित पार्क में वंदे मातरम गाकर कांग्रेस को अपनी एकजुटता की ताकत दिखाई। वंदे मातरम गाने के कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, नंदकुमार सिंह चौहान, गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा, राकेश सिंह, सीतासरण शर्मा जैसे कई बड़े नेता शामिल हुए।
शिवराज ने ट्वीट कर नेताओं से की वंदे मातरम गाने की अपील
शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो वंदे मारतम् जरूर गाएंगे। उन्होंने ट्वीट कर बीजेपी नेताओं और आम लोगों से वंदे मातरम गाने को लेकर अपील भी की थी।उन्होंने लिखा था कि 'आइए, आज (सोमवार) 10:00 बजे हम सभी वंदे मातरम का गान करें। आप सभी से अपील है कि आप उस समय जहाँ भी हों, वहाँ वंदे मातरम गाएं और अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर उसे लाईव करें।'
वंदे मातरम अब और ज्यादा प्रभावी तरीके से होगा: कमलनाथ
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वल्लभ भवन के सामने हर माह की एक तारीख को होने वाले वंदेमातरम् पर नई सरकार की रोक के बाद 7 तारीख यानी आज से विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले वंदेमातरम् गाने का ऐलान किया था। वंदे मातरम पर रोक के बाद बचाव की मुद्रा में आई कमलनाथ सरकार ने एक दिन बाद ही नए बदलाव के साथ इसे शुरू करने की घोषणा की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम अब और ज्यादा प्रभावी तरीके से होगा। महीने की पहली तारीख को शौर्य स्मारक से पुलिस बैंड के साथ इसे गाते मुख्यमंत्री सहित मंत्री, सरकारी कर्मचारी और अन्य कर्मचारी वल्लभ भवन पहुंचेगे। इसके साथ ही संभाग और जिला स्तर पर भी इसका सामूहिक गायन किया जाएगा।
शिवराज ने बोला था हमला
शिवराज सरकार ने हर महीने के पहले कामकाजी दिन में 'वंदे मातरम्' गाने की यह व्यवस्था शुरू की थी। लेकिन साल 2019 के पहले कामकाजी दिन पर राष्ट्रगीत नहीं गाया गया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट में लिखा, 'कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती हैं, जाती हैं लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है। मैं मांग करता हूँ कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो।'
चौहान ने आगे ट्वीट में लिखा, 'अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें। हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊंगा।'
शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस को याद दिलाते हुए अपने ट्वीट में लिखा, 'मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार ने वंदे मातरम् का गान हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्रियों द्वारा किया जाता था और हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् गान में सभी कर्मचारी और अधिकारी गण उपस्थित रहते थे।'
शिवराज ने लिखा, 'वंदे मातरम् के कारण लोगों के हृदय में प्रज्वलित देशभक्ति की भावनाओं में नयी ऊर्जा का संचार होता था। अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की सरकार ने यह परंपरा आज तोड़ दी। पहली तारीख़ को वंदे मातरम् नहीं गाया गया।'
कमलनाथ ने पूछा-जो वंदेमातरम नहीं गाते क्या वो देशभक्त नहीं?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था, 'हर महीने की 1 तारीख को मंत्रालय में वंदेमातरम गाने की अनिवार्यता को फिलहाल अभी बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय ना किसी अजेंडे के तहत लिया गया है और न ही हमारा वंदेमातरम को लेकर कोई विरोध है। वंदेमातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है।' मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कही थी कि इस आदेश को नए रूप में लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'जो लोग वंदेमातरम नहीं गाते हैं तो क्या वे देशभक्त नहीं है? हमारा यह भी मानना है कि राष्ट्रीयता या देशभक्ति का जुड़ाव दिल से होता है। इसे प्रदर्शित करने की आवश्यकता नहीं है। हमारी भी धर्म, राष्ट्रीयता, देशभक्ति में आस्था है। कांग्रेस पार्टी, जिसने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी, उसे देशभक्ति, राष्ट्रीयता के लिए किसी से भी प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं है। हमारा यह भी मानना है कि इस तरह के निर्णय वास्तविक विकास के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए व जनता को गुमराह, भ्रमित करने के लिए थोपे जाते रहे हैं।'
क्या है पूरा विवाद?
मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार में वंदे मातरम् का गान हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्रियों द्वारा किया जाता था और हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन (सचिवालय) के प्रांगण में वंदे मातरम् गान में सभी कर्मचारी और अधिकारी गण उपस्थित रहते थे। लेकिन इस बार साल 2019 के पहले कामकाजी दिन पर राष्ट्रगीत नहीं गाया गया।