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लोकसभा चुनाव में खुलासा, जानिए किन राज्यों में हो रही है सबसे ज्यादा अवैध जब्ती

लोकसभा चुनाव खत्म होने में एक चरण और नतीजे आने में 9 दिन बाकी हैं। 17वां आम चुनाव अब तक का सबसे बड़ा चुनाव...
लोकसभा चुनाव में खुलासा, जानिए किन राज्यों में हो रही है सबसे ज्यादा अवैध जब्ती

लोकसभा चुनाव खत्म होने में एक चरण और नतीजे आने में 9 दिन बाकी हैं। 17वां आम चुनाव अब तक का सबसे बड़ा चुनाव है जिसमें 90 करोड़ लोगों को वोट डालने का अधिकार हासिल है। यह इस मायने में भी सबसे बड़ा चुनाव है, जिसमें अवैध नकदी और वस्तुओं का सबसे ज्यादा अंधाधुंध इस्तेमाल हुआ है और आखिरी चरण तक होता रहेगा। यह चुनावों के लिए आम बात बनती जा रही है और चुनाव जीतने के लिए नेता अकूत पैसा खर्च कर रहे हैं। 12 मई तक चुनाव के छह चरण बीत चुके हैं। सतर्कता एजेंसियों ने 13 मई तक चुनाव से जुड़ी 3,418 करोड़ रुपए के बराबर नगदी, शराब, ड्रग्स, बेशकीमती धातु और तोहफे जब्त किए। तमिलनाडु में सबसे ज्यादा नगदी और कीमती धातुएं, गुजरात में सबसे ज्यादा मूल्य के ड्रग्स, सबसे ज्यादा मूल्य की शराब उत्तर प्रदेश में बरामद की गई।

यह जब्ती 2014 के चुनाव से दोगुनी है। इस बार 828.01 करोड़ रुपए की नगदी, 286.01 करोड़ की शराब, 1262 करोड़ की ड्रग्स, 984 करोड़ रुपए की कीमती धातु (सोना-चांदी) और 57 करोड़ की अन्य मुफ्त बांटने वाली वस्तुएं बरामद की गई हैं।

नगदी

पिछले दिनों तमिलनाडु के उत्तरी जिले वेल्लोर में 16 अप्रैल को आयकर अफसरों ने सीमेंट के एक गोदाम से 10.48 करोड़ रुपए नगद बरामद किए, जिसके बाद यहां का चुनाव रद्द हो गया था। तमिलनाडु से सबसे ज्यादा 227.75 करोड़ रुपए बरामद किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में 47.05 करोड़, पंजाब में 31.76 करोड़, बिहार में 8.98 करोड़, आंध्र प्रदेश में 138.76 करोड़, महाराष्ट्र में 53.08 करोड़, गुजरात में 9.41 करोड़ रुपए बरामद किए गए।

शराब

सबसे ज्यादा 45.25 करोड़ रुपए की शराब उत्तर प्रदेश में बरामद हुई। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है। यहां 30.26 करोड़ की शराब जब्ती हुई। आंध्र प्रदेश में 28.53 करोड़ की शराब जब्त हुई।

ड्रग्स

सबसे ज्यादा मूल्य का ड्रग्स गुजरात से बरामद हुआ है। इसकी कीमत 524.34 करोड़ रुपए है। इसके बाद  राजधानी दिल्ली और पंजाब का स्थान है। दिल्ली से 374.67 करोड़ का ड्रग्स और पंजाब में 217.1 करोड़ रुपए का ड्रग्स बरामद हुआ।

कीमती धातुएं

सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं की बात करें तो आंध्र प्रदेश में 36.96 करोड़, महाराष्ट्र में 71.21 करोड़, दिल्ली में 12.84 करोड़, तमिलनाडु में 709.54 करोड़ रुपए के मूल्य के बराबर इनकी बरामदगी हुई।

चुनाव सुधारों को लेकर बड़ी चुनौती

भारत में चुनाव लड़ने के लिए अधिकतम 70 लाख रुपए तक की सीमा निर्धारित है लेकिन ये बात जगजाहिर है कि नेता इसका पालन नहीं करते। वे अकूत पैसा खर्च करते हैं और इसके लिए जनता को लुभाने के लिए शराब से लेकर मुफ्त की चीजें बांटते हैं। चुनाव सुधारों को लेकर यह एक बड़ी चुनौती है कि चुनाव दिन-ब-दिन महंगे होते चले रहे हैं और इन खर्चों का कोई पार्टी सही हिसाब नहीं देती।

एक के बाद एक सरकारें पार्टियों के धन जुटाने में पारदर्शिता के मुद्दे से उलझती रही हैं। 1990 के दशक में चुनाव सुधारों पर बनाई गई दिनेश गोस्वामी कमेटी सबसे पहली थी, जिसने चुनाव खर्चों के हिसाब-किताब के ढांचे में व्यापक रद्दोबदल करने और राजनैतिक पार्टियों को चलाने के लिए सरकारी धन देने का सुझाव दिया था।

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