यूपी में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए योगी सरकार जहां बेहद कड़ा कानून लेकर आ रही है, वहीं इसी के साथ कानून का विरोध होना भी शुरु हो गया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को उत्तर प्रदेश कण्ट्रोल ऑफ़ आर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट बिल (यूपीकोका) का विरोध किया है।
मायावती ने योगी सरकार के इस कानून का विरोध करते हुए कहा है कि इससे सर्वसमाज के दलितों, गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का दमन होगा। राजधानी लखनऊ में मायावती ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में खासकर यूपी में राजनीतिक द्वेष, जातिवाद, सांप्रदायिक व पक्षपात के आधार पर कानून का धड़ल्ले से गलत इस्तेमाल आम जनता के लिए एक बड़ा सिरदर्द साबित हो रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर बनाए गए यूपीकोका का भी ज्यादातर इस्तेमाल गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के दमन के लिए होगा। बसपा ने आज इस बिल का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।
UPCOCA, made on the lines of MCOCA, will be mostly used for suppression of poor, Dalits, backward classes & religious minorities, so, BSP opposes this new law & demands its roll back in greater interest of the public: BSP
— ANI UP (@ANINewsUP) December 20, 2017
गौरतलब है कि योगी सरकार ने आज विधानसभा में यूपीकोका बिल पेश किया। इस बिल का मसौदा सबसे पहले मायावती के शासनकाल में ही तैयार किया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों से बिल सदन में पेश नहीं हो सका।मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार अपराधियों व माफियाओं आदि को नियंत्रण करने के नाम पर केवल जाती व सम्प्रदाय विशेष के लोगों को ही शिकार बना रही है। जबकि सत्ताधारी पार्टी से जुड़े लोग प्रदेश में हर स्तर पर कानून को हाथ में लेने के साथ-साथ हर प्रकार का संगठित अपराध, गुंडागर्दी और माफियागिरी कर रहे हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाये उन्हें सरकारी संरक्षण दिया जा रहा है।
मायावती ने कहा कि यूपीकोका कानून वास्तव में बीजेपी सरकार के लिए कानून व्यवस्था के लिए नहीं बल्कि सर्वसमाज के गरीब, दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के लिए ही दमन का नया हथियार साबित होगा।