प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की मीटिंग में आधार को लेकर बड़ा फैसला किया गया। कैबिनेट बैठक में राज्यों की लोक कल्याणकारी योजनाओं में लोगों को मिलने वाली सब्सिडी में आधार के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम: जावड़ेकर
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि आधार के इस्तेमाल से राज्यों में चलने वाली योजनाओं में पारदर्शिता आएगी और धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसका सीधा फायदा देश के गरीबों और जरूरतमंद लोगों को मिलेगा। जावड़ेकर के मुताबिक देश के करीब 128 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है। ऐसे में अब आधार का सही तरीके से इस्तेमाल हो सकेगा।
संसद से पास हुआ था आधार संशोधन बिल
पिछले दिनों संसद में आधार संशोधन अधिनियम 2019 को पास हुआ था। इसके अनुसार बैंक खातों और सिम कार्ड के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा। यदि कोई शख्स इन कार्यों के लिए अपने आधार की जानकारी नहीं दे रहा है तो उस पर दबाव नहीं बनाया जा सकेगा। दूसरे शब्दों में कहें तो सिम कार्ड लेने और बैंक खाता खुलवाने के लिए अब आपको आधार कार्ड देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहचान के तौर पर आप वोटर कार्ड पेश कर सकते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में आधार डेटा को देखा जा सकेगा अन्यथा आधार का डाटा देखने पर तीन साल की जेल हो सकती है। आधार का डेटा सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे की स्थिति में ही एक्सेस किया जा सकेगा। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार संशोधन अधिनियम 2019 को लेकर लोगों के डेटा सुरक्षा का आश्वासन दिया था।
गन्ना भुगतान को मंजूरी
इसके अलावा आज हुई कैबिनेट मीटिंग में गन्ना सीजन 2019-20 के लिए चीनी मिलों द्वारा भुगतान-योग्य गन्ने के 'उचित एवं लाभकारी मूल्य' के निर्धारण को मंजूरी दी गई। इस मीटिंग में 1 अगस्त, 2019 से 31 जुलाई, 2020 तक एक वर्ष के लिए 40 लाख मीट्रिक टन चीनी का सुरक्षित भंडार बनाने की मंजूरी दी गई।
साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनर्स हेल्थ और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्युपेशनल हेल्थ के विलय को मंजूरी दे दी है।