विधानसभा में शक्ति परीक्षण से कुछ ही घंटे पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई और विधायक दल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत दोरजी खांडू के बेटे पेमा खांडू को सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया। तुकी को राज्यपाल तथागत राय ने आज ही विश्वास मत हासिल करने को कहा था। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दफ्तर से अरुणाचल के मामले पर नजर रखी जा रही है। वहीं का निर्देश जाने के बाद पेमा खांडू, अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पेडी रिको और जय कुमार ने बागी नेताओं से संपर्क करना शुरू किया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नाबाम तुकी कलिखों पुल और उनके समर्थक पहुंचे। वहीं पुल ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया। तुकी ने खांडू के नाम प्रस्तावित किया, जिन्हें वहां मौजूद 44 विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया बैठक में शामिल नहीं हुए, जबकि पुल बागी विधायकों के साथ बैठक में पहुंचे।
तुकी से कांग्रेस आलाकमान के कई नेता बातचीत कर रहे थे। कपिल सिब्बल ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए राजी कर लिया था, लेकिन तुकी की पुल समेत दो-तीन नामों पर आपत्ति थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दफ्तर ने पेमा खांडू का नाम आगे किया, जिस पर एक ओर तुकी सहमत थे। दूसरी ओर, कलिखों पुल को भी आपत्ति नहीं थी। नए मंत्रिमंडल में विभाग बांटने में तुकी और पुल दोनों के ही समर्थक विधायकों के बीच संतुलन बनाने की तैयारी है।
अरूणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल विधायकों की संख्या 58 है। कांग्रेस ने दो निर्दलीय विधायकों समेत 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। कलिखों पुल ने तुकी के खिलाफ पिछले साल नवंबर में बगावत कर दिया था। नाटकीय घटनाक्रमों के बाद फरवरी में राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा ने भाजपा के समर्थन से पुल की सरकार बनवा दी थी, जिसके खिलाफ कांग्रेस पहले इटानगर हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट में चली गई थी।
विधायक दल की बैठक से पहले तुकी ने राज्यपाल से भेंट की। उन्होंने उनके सामने पार्टी विधायक दल के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की मंशा जताई। उनके साथ गए खांडू ने राज्यपाल के सामने 47 विधायकों के समर्थन के आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे कहा कि उन्हें शपथ दिलाई जाए। राज्यपाल ने उन्हें नई तारीख नहीं दी, लेकिन इतना जरूर कहा कि उन्हें रिकार्ड देखना होगा और उनके दावे पर गौर करना होगा।