तमिलनाडु और पुडुचेरी की 40 सीटों पर कांग्रेस-द्रमुक (डीएमके) मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। दोनों पार्टियों के बीच बुधवार को गठबंधन पर सहमति बनी। इसके तहत डीएमके तमिलनाडु में 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। कांग्रेस को तमिलनाडु की 9 और पुडुचेरी की इकलौती सीट मिली है। मंगलवार को गठबंधन को लेकर डीएमके नेता कनिमोझी और तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी दिल्ली में राहुल गांधी से मिले थे। डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने इसका ऐलान किया।
डीएमके ने तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर यूपीए से अलग होकर पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसमें कांग्रेस और डीएमके कोई सीट नहीं जीत पाई थीं। इस चुनाव में करुणानिधि ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव अलाइंस बनाकर लोकल पार्टियों को एकजुट किया था। इनमें वीसीके, एमएमके, आईयूएमएल और पुथिया तामीझागम शामिल थीं।
एक दिन पहले AIADMK एनडीए में शामिल हुई
भाजपा शासित एनडीए और AIADMK के नेताओं को बीच मंगलवार को बैठक हुई थी। इसमें अन्नाद्रमुक एनडीए में शामिल हो गई। अब तमिलनाडु में भाजपा, अन्नाद्रमुक और पीएमके मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। भाजपा तमिलनाडु की 5 और अन्नाद्रमुक 27 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। 7 सीटें पीएमके को दी गईं।
भाजपा और AIADMK के बीच गठबंधन की शर्तें
भाजपा-अन्नाद्रमुक के गठबंधन से पहले मंगलवार को ही अन्नाद्रमुक और पीएमके में भी सहमति बनी। पिछले लोकसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक ने 39 में से 37 सीटें जीती थीं। गठबंधन की शर्तों के मुताबिक, भाजपा को राज्य की 21 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अन्नाद्रमुक को अपना समर्थन देना होगा।