राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान को जमानत दे दी है। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने अमानतुल्लाह खान को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दिया है।
इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जमानत मिलने के बाद खान ने इसे सत्य की जीत बताया है।
अमानतुल्लाह खान की ओर से राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (किसी सरकारी सेवक या बैंक, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वास भंग) के लिए सभी सामग्री गायब है और अभियोजन ने ‘‘अपनी मर्जी से वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष (खान) को निशाना बनाया।’’
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="hi" dir="ltr">सच की जीत हुई...<br><br>Team AK <a href="https://t.co/SQU6m9ySmu">pic.twitter.com/SQU6m9ySmu</a></p>— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) <a href="https://twitter.com/KhanAmanatullah/status/1575072995357626371?ref_src=twsrc%5Etfw">September 28, 2022</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
मेहरा ने यह भी कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया और ये आरोप प्रक्रियागत खामी है। उन्होंने कहा कि ‘‘निधि का कोई दुरुपयोग नहीं’’ हुआ और न ही प्रथम दृष्टया इसका कोई सबूत है। निधि के कथित दुरुपयोग के संबंध में वकील ने कहा कि ‘‘एक-एक पैसे का हिसाब रखा गया।’’
इन दलीलों का विरोध करते हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि अभी यह मामला जमानत देने के स्तर पर नहीं पहुंचा है। उन्होंने यह भी कहा कि खान ने एजेंसी से झूठ बोला था कि उनका मोबाइल फोन खो गया है।
न्यायाधीश ने उनसे पूछा कि खान द्वारा निधि का कथित तौर पर दुरुपयोग करने से सरकारी खजाने को कैसे नुकसान हुआ और साथ ही उन्होंने यह पूछा कि अगर नुकसान हुआ तो कितने का हुआ। इस बीच, अदालत ने खान के कथित सहायक और सह-आरोपी लड्डन को दो दिन की भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) की हिरासत में भेज दिया है।
इससे पहले कोर्ट ने सोमवार को आप विधायक अमानतुल्लाह खान को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। एसीबी ने 16 सितंबर को खान के परिसरों पर छापे मारने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। प्राथमिकी के अनुसार, खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहने के दौरान कथित तौर पर सभी मानदंडों और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करके 32 लोगों को भर्ती किया था।