मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी और मध्य प्रदेश भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। प्रज्ञा ठाकुर को ये नोटिस 26/11 हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर जारी किया गया। इस बयान पर आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर से स्पष्टीकरण मांगा है।
क्या कहा था प्रज्ञा ठाकुर ने
भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए गुरुवार शाम प्रज्ञा ने कहा था कि हमलों के दौरान करकरे की मृत्यु हो गई क्योंकि मुझे प्रताड़ित करने के लिए मैंने 'श्राप' दिया था। हालांकि जैसे ही उनके इस बयान को लेकर विवाद हुआ, उन्होंने बयान वापस ले लिया। भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी और भोपाल कलेक्टर सुदाम खाडे ने कहा कि हमने बयान का संज्ञान लिया और मामले पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) से रिपोर्ट मांगी। हमें आज सुबह रिपोर्ट मिली और हम नोटिस जारी करने जा रहे हैं, जो कि 24 घंटे के अंदर वापस करने योग्य हैं।
इस नियम के तहत मिलेगा नोटिस
उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग को एआरओ रिपोर्ट भेजने जा रहे हैं। खाडे ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजक को कुछ शर्तों पर अनुमति दी गई थी, क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू थी। एक दूसरे अधिकारी के अनुसार कार्यक्रम की अनुमति देने से पहले निर्धारित शर्तों के अनुसार किसी विशेष व्यक्ति को बदनाम करने के लिए आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने पर प्रतिबंध है। जमानत पर बाहर प्रज्ञा ठाकुर (48) को 2008 के मामले में कड़े महाराष्ट्र नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत आरोपों में अदालत द्वारा राहत दे दी गई है, लेकिन अभी भी अन्य आपराधिक प्रावधानों के तहत मुकदमा चल रहा है, जिसमें गैरकानूनी गतिविधियां शामिल हैं।
भाजपा ने बयान से किया किनारा
बुधवार को भाजपा ने उन्हें भोपाल सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से प्रज्ञा ठाकुर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को टक्कर देंगी। करकरे के खिलाफ दिए गए प्रज्ञा के बयान के बाद राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई। जहां एक ओर विपक्षी दलों ने इस मामले पर भाजपा पर निशाना साधा वहीं कांग्रेस ने मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में माफी मांगें। भाजपा ने खुद को इस मामले से दूर रखते हुए कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत सोच है।