मध्यप्रदेश और मिजोरम के विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार थम गया और इसी के साथ प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने तेलंगाना और राजस्थान का रुख कर लिया, जहां कल से चुनावी प्रचार और जोर पकड़ने जा रहा है। पांच राज्यों के चुनावी कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान 12 और 20 नवंबर को हो चुका है। जबकि मध्यप्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को मतदान होने जा रहा है। राजस्थान और तेलंगाना में सात दिसंबर को मतदान होगा। पांचों राज्यों के लिए मतगणना 11 दिसंबर को होगी। एक चरण में मतदान के लिए जाने वाले तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 जबकि राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं।
मध्यप्रदेश में झोंकी राजनीतिक दलों ने ताकत
मध्यप्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों और मिजोरम की कुल 40 सीटों के लिए भी एक ही चरण में मतदान कराया जाएगा। इनमें मध्यप्रदेश में राजनीतिक पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी। हमेशा की तरह आरोप-प्रत्यारोप के कई रूप देखने को मिले।
मध्यप्रदेश में बीते 15 साल से भारतीय जनता पार्टी का शासन है जबकि मिजोरम में 10 साल से कांग्रेस का राज है। मध्यप्रदेश में 13 साल से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा और मिजोरम में वयोवृद्ध लाल थनहवला की साख दांव पर लगी है। मध्यप्रदेश में सोमवार को प्रचार के अंतिम दिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने धार जिले में मनावर बाइपास रोड और कुक्षी में जनसभाओं को संबोधित किया। बाद में उन्होंने इंदौर में चिकमगलूर चौक से कृष्णापुरा छत्री तक एक रोड शो भी किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जबलपुर में रविवार को अंतिम रैली की। केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, उमा भारती, नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, सांसद हेमा मालिनी आदि ने चुनावी रैलियों ने संबोधित किया। कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद सबसे ज़्यादा मांग ज्योतिरादित्य सिंधिया की रही जो पार्टी की प्रचार अभियान समिति के प्रमुख हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कांग्रेस नेता राज बब्बर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रियंका चतुर्वेदी ने भी प्रचार किया।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती और आम आदमी पार्टी के गोपाल राय ने भी अपने अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया। गौरतलब है कि सपा और बसपा का मध्यप्रदेश में 10 से लेकर 25 सीटों पर असर है। पिछले चुनावों में ये पार्टियां पहले या दूसरे नंबर पर रहीं हैं। इस चुनाव के शीर्ष प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब राजस्थान का रुख कर चुके हैं।