भारतीय किसान यूनियन की मांग है कि प्रधानमंत्री किसानों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान करें। यूनियन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, “मध्य प्रदेश में पुलिस द्वारा किसानों पर किये जा रहे अत्याचार को तुरंत रोका जाए। अनिल यादव सहित गिरफ्तार किसान नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए। गोलीकांड के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध मुकदमे दर्ज किये जाएं।”
वार्ता नहीं, लाठी गोली चला रही थी सरकार: यूनियन
गुरुवार को महिपालपुर नई दिल्ली में भारतीय किसान यूनियन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कहा गया कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आंदोलन को तोड़ने के लिए तरह-तरह के प्रयास किये गये, जिससे किसानों में काफी गुस्सा था। किसान सड़कों पर अपनी उपज को फेंक रहा था, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से वार्ता न कर उनको लाठी-गोली के दम पर आंदोलन का दमन करना चाहती थी। जिसके चलते पुलिस फायरिंग में 5 निहत्थे किसान मारे गये एवं सैंकड़ों किसान घायल हुए।
किसान नेता अनिल यादव की रिहाई की मांग
यूनियन का आरोप है कि भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव अनिल यादव को पुलिस ने उनके घर से हिरासत में लिया और फर्जी मुकदमा बनाकर जेल भेज दिया गया। पूरे प्रदेश में भाकियू से जुड़े सैंकड़ों किसानों को हिरासत में ले लिया गया। इन नेताओं को फौरन रिहा किए जाने की मांग की गई।
नहीं तो होगा अनिश्चितकालीन चक्का जाम
यूनियन ने कहा कि सरकार अविलम्ब कार्यवाही करते हुए आवश्यक कार्य नही करती है तो भारतीय किसान यूनियन उत्तर भारत के सभी राज्यों में अनिश्चितकालीन चक्का जाम करेगी।
साथ ही जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानेगी तो भारतीय किसान यूनियन के हरिद्वार में 16 से 18 जून तक हो रहे राष्ट्रीय अधिवेशन में आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
देश भर के किसान नेता हुए शामिल
भारतीय किसान यूनियन के इस आपात बैठक में भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव चौ0 युद्धवीर सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ0 राकेश टिकैत, हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रतनसिंह मान, पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह लाखोवाल, राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष विद्याधर ओलखा, उत्तराखंड के प्रभारी संजय चौधरी सहित सैंकड़ों भाकियू नेता उपस्थित रहे।