पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व नेता नीरज शेखर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उन्होंने भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा। इससे पहले सोमवार को नीरज शेखर ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। शेखर ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा।
सपा से नाराजगी है वजह?
पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर अखिलेश यादव के करीबियों में गिने जाते रहे हैं। लोकसभा चुनावों के दौरान बलिया सीट से उनका मैदान में उतरना लगभग तय था। लेकिन अंतिम समय में पार्टी ने उनका टिकट काटकर सनातन पांडेय को प्रत्याशी बनाया था। बताया जा रहा है कि इसके बाद से ही नीरज पार्टी से नाराज चल रहे थे।
नायडू ने इस्तीफा स्वीकार किया
उधर, राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद शेखर ने इसे व्यक्तिगत कारण बताया। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से और स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। बताया जा रहा है कि सभापति नायडू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। हालांकि इस संबंध में समाजवादी पार्टी की ओर से अब तक किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
2007 में पहली बार पहुंचे संसद
उधर, माना जा रहा है कि बीजेपी शेखर को यूपी से 2020 में राज्यसभा भेज सकती है। पिता चंद्रशेखर के देहांत के कारण खाली हुई बलिया सीट पर 2007 के उपचुनाव में शेखर समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।
2014 के मोदी लहर में हारे थे शेखर
2009 लोकसभा चुनाव में वह इस सीट से एक बार फिर जीतने में सफल रहे थे। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में शेखर भी इस सीट पर चुनाव हार गए थे। बाद में एसपी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया था।