जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कहना है कि जम्मू और कश्मीर में हुर्रियत और मुख्यधारा की पार्टियों के नेताओं, धार्मिक उपदेशकों और मौलवियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए आम कश्मीरियों के बच्चों को मौत के मुंह में झोंक दिया जबकि इनमें से किसी ने न अपनी जान नहीं गंवाई न इनके बच्चों ने।
मलिक कटरा शहर में श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इन नेताओं पर आरोप लगाया कि ‘समृद्ध और शक्तिशाली’ वर्गों ने कश्मीर में युवाओं के सपनों को कुचल दिया और उनके जीवन को नष्ट कर दिया।
सच्चाई समझने की अपील
मलिक ने राज्य के युवाओं से अपील की कि वे सच्चाई समझें और राज्य में शांति और प्रगति के लिए केंद्र के प्रयासों में शामिल हों। अलगाववादियों को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के नेताओं के बच्चे शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं। लेकिन उन्होंने आम कश्मीरी बच्चों के दिमाग में ‘हिंसा के रास्ते जन्नत’ का ख्वाब दिखाया। उन्होंने राजनेताओं, नौकरशाहों, संपन्न और शक्तिशाली लोगों पर भी युवाओं के सपनों को कुचलने और उनके जीवन को नष्ट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इनमें से किसी ने भी अपना न अपना बच्चा खोया न कभी उनके परिवार से कोई आतंकी गतिविधि में शामिल हुआ।
गुमराह युवाओं को नसीहत
स्पष्ट टिप्पणी के लिए पहचाने जाने वाले मलिक ने कहा कि राज्यपाल बनने के बाद से उन्होंने खुफिया एजेंसियों से इनपुट लेने के बजाय युवाओं से बात की और उन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की पहचान करने की कोशिश की जिन्हें राष्ट्रगान से परेशानी थी। ये वो युवा हैं, जिनकी उम्र 25 से 30 साल है और जिनके सपने कुचले जा चुके हैं। ये युवा गुमराह हैं और गुस्से में हैं। वे हुर्रियत, हमारी या दिल्ली सरकार या स्वायत्तता नहीं चाहते क्योंकि वे मर कर जन्नत के रास्ते जाना चाहते हैं।
नए स्कूल-कॉलेज की सौगात
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने ऐसे युवाओं से कहा कि उनके पास कश्मीर में पहले से ही एक स्वर्ग है। उन्होंने युवाओं से आगे आकर नए चरण का हिस्सा बनने और प्रगति-विकास के रास्ते पर चलने को कहा। मलिक ने बताया कि उन्होंने पिछले साल 53 डिग्री कॉलेजों को मंजूरी दी है और जल्द ही राज्य में पेशेवर कॉलेजों सहित 50 और कॉलेज खुल रहे हैं। साथ ही 242 स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्कूल में अपग्रेड किया है।