वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि जब कोरोना संकट के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं, सरकारों को अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए कर्ज लेना चाहिए, न कि टैक्स बढ़ाकर इसका बोझ बढ़ाना चाहिए। केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी और दिल्ली के अलावा कुछ अन्य राज्य सरकारों ने वैट बढ़ाया है।
इस समय सरकार को पैसा देना चाहिए, न कि लेना चाहिए
चिदंबरम ने ट्वीट करके कहा कि जब अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन कर रही हो, तभी ज्यादा टैक्स को वाजिब ठहराया जा सकता है। मौजूदा हालात में टैक्स लगाना क्रूर मजाक है। इस समय टैक्स बढ़ाने से मध्यम और गरीब वर्ग की मुश्किलें ही बढ़ेंगी। सरकार को संकट के दौर में पैसा देना चाहिए, न कि पैसा लेकर उन पर बोझ बढ़ाना चाहिए।
घाटे की भरपाई के लिए कर्जें ले सरकार
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि हम सरकार से देश के 50 फीसदी गरीबों को वित्तीय मदद दिए जाने की वकालत कर रहे हैं। लेकिन सरकार इसके उलट ट्रांसफर कर रही है। वह इस तरह जनता से अपने लिए पैसा ट्रांसफर कर रही है। इसी वजह से यह क्रूर मजाक है। टैक्स का बोझ बढ़ाने से गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति और खराब होगी। सरकार को अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए कर्ज लेना चाहिए, न कि टैक्स बढ़ाना चाहिए।
राहुल गांधी ने अनुचित बताया फैसला
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि को अनुचित करार दिया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि पेट्रोल-डीजल पर मूल्य वृद्धि नहीं की जानी चाहिए। सरकार को अपना यह फैसला वापस लेना चाहिए। संकट के समय में इस कदम से आम लोगों की दिक्कतें बढ़ेंगी।