हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड पूरे देश को पानी दे रहा है। राज्य में ग्रीन कवर एरिया बढ़ा है। लेकिन फिर भी ग्रीन बोनस को लेकर राज्य की अनदेखी की जा रही है। उन्होने कहा कि हमारे अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। साथ ही उन्होने इस बात पर भी जोर दिया कि जोनल मास्टर प्लान को मंजूर किया जाए।
रावत ने कहा कि उत्तराखंड के क्षेत्रीय मास्टर प्लान को केन्द्र सरकार तुरंत मंजूरी दे। उन्होंने कहा, क्षेत्रीय मास्टर प्लान को खारिज करने के आदेश को केन्द्र तुरंत वापस ले। राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को भेजे गये भगीरथी ईको-सेंसिटिव जोन के क्षेत्रीय मास्टर प्लान को यथावत रखते हुये तुरंत मंजूरी दी जाये। रावत ने कहा कि जिस प्रकार हिमाचल प्रदेश सहित दूसरे पहाड़ी राज्यों को पर्यावरण मानकों में छूट दी गई है, पश्चिमी घाट पारिस्थितिकीय संवेदनशील क्षेत्र में महाराष्ट्र को दी गई है, उसी प्रकार उत्तराखंड को भी दी जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों की तरह उत्तराखंड को भी 25 मेगावाट क्षमता तक की जलविद्युत परियोजनाओं के लिये अनुमति दी जानी चाहिये ताकि राज्य का तेजी से विकास हो सके।
हरीश रावत के साथ, मंत्री यशपाल आर्य, दिनेश अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के साथ सैकडों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे। इससे पहले उन्होंने भागीरथी पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र पर उत्तराखंड सरकार के मास्टरप्लान को खारिज करने के खिलाफ प्रदर्शन की योजना की घोषणा की थी।